नैनीताल :::- कुमाऊँ विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में एमएससी केमिस्ट्री के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को सोमवार को कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत से पढ़ने का मौका मिला। कुलपति ने उन्हें आर्गेनिक केमिस्ट्री के अंतर्गत रिएक्शन मैकेनिज्म को समझाया। उनके विद्वतापूर्ण एवं रोचक अंदाज से विद्यार्थी मंत्रमुग्ध थे।

कुलपति प्रो. रावत इस सेमेस्टर में एमएससी प्रथम सेमेस्टर की थ्योरी की कक्षा लेंगे और विशेष रूप से वह छात्रों को रिएक्शन मैकेनिज्म सिखाएंगे। आज उन्होंने बताया कि रसायन विज्ञान इतना महत्वपूर्ण क्यों है, और कैसे 1826 में यूरिया की खोज ने दुनिया बदल दी। उन्होंने विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में केमिस्ट्री के महत्व के बारे में बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दवा की खोज पूरी तरह से आर्गेनिक केमिस्ट्री और उसके सिंथेटिक अनुप्रयोगों के बारे में है।

कुलपति प्रो.रावत ने विद्यार्थियों को बताया कि 1900 में भारत में मनुष्य की औसत आयु 23 वर्ष थी जो अब 66 वर्ष से अधिक हो गयी है। ऐसा रसायन विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति के कारण हुआ है। उन्होंने इसके साथ ही उन्होंने केमिस्ट्री के बेसिक कांसेप्ट, केमिस्ट्री लैब का प्रयोग, ऑनलाइन रिसोर्स का उपयोग आदि को भी समझाया।

छात्रों को कुलपति की कक्षा में भाग लेने में खुशी हुई, जिन्होंने अपने छात्र जीवन में 1993 में उसी शिक्षण कक्षा-कक्ष में अध्ययन किया था। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुलपति जी के अध्ययन एवं अध्यापन में रुचि लेने से परिसर के शैक्षिक वातावरण में निसंदेह सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

छात्र प्रेरणा को बढ़ावा देना शिक्षण का एक कठिन लेकिन आवश्यक पहलू है जिस पर जमीनी सतह पर कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने कक्षा में छात्रों को पढ़ाने का फैसला किया है- कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत_

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