नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के हार्मोटेज में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हुआ । कचरे को कार्बन नैनोमटेरियल में पुनर्चक्रित करने और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उनके लक्षण वर्णन पर प्रशिक्षण कार्यशाला।

कार्यक्रम के अध्यक्षता कुलपति प्रो.संतोष कुमार ने हुई।

इस दौरान ग्वालियर से अनुराग श्रीवास्तव, पुष्पा भाकुनी, नंद गोपाल साहू,संदीप राणा व देशभर से आए विभिन्न शोधार्थियों के कार्यों की समीक्षा की। वहीं तनुजा आर्य ने बताया कि किस प्रकार से एग्रीकल्चर से होने वाले वेस्ट से ग्राफीन के उत्पादों को बनाने की प्रक्रिया के बारे में अपना पोस्टर के जरिये बताया। दीक्षा भट्ट ने बताया वेस्ट प्लास्टिक से कैसे कार्बन नैनो मटेरियल वह सुपर कैपेसिटर किस प्रकार से बनाया जाए इसके ऊपर अपने विचार रखें।

शोधार्थी पूनम यूपीएस देहरादून ने बताया कि किस प्रकार वेजिटेबल ऑयल से जंग विरोध विरोधक सब्सटेंस बनने पर उस पर काम चल रहा है। पेग विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की शोधार्थी रमन ने जिंक कैपेसिटी की गुणवत्ता बनाने के लिए अपने विचार रखें।

इसके पश्चात विद्यार्थियों को रज्जू भैया केंद्र ले जाकर डॉ. सुनील डाली ने तकनीकी जानकारियां वह इंस्ट्रूमेंटेशन भी करवाया गया।

इस दौरान कार्यक्रम में डॉ. सुमन महंदीय, प्रो. सवेंद्र राणा, अतुल ग्रोवर, डॉ. महेश आर्य, प्रो. पुष्पा जोशी, प्रो. सोहेले, प्रो. सहराज अली,प्रो. संतोष कुमार,दिव्या मेहर प्रभात ,उपेंद्र, पुष्पा भाकुनी,अभिषेक मेहरा, तनुजा आर्य,राजेश भट्ट,मनोज बोरा,नीतीश सेमवाल,उपेंद्र रुद्रा आदि गोवा, ग्वालियर, पाण्डुचेरी, हिसार, कुरुक्षेत्र, चंडीगढ़, देहरादून, हिमांचल, अलीगढ, पंतनगर, फरीदाबाद, दिल्ली, अहमदाबाद, समेत देशभर के कॉलेज व विश्वविद्यालय ने प्रतिभाग किया।

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