अल्मोड़ा:::-श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा में रामलीला महोत्सव 202 3 के अन्तर्गत रामलीला का मंचन निरन्तर जारी है।जिसमें चतुर्थ दिवस की रामलीला में कैकेई-मंथरा संवाद,दशरथ-कैकेई संवाद आकर्षण का केन्द्र रहे।संवादों ने दर्शकों का मन मोह लिया तथा दर्शकों ने तालियों के माध्यम से कलाकारों की हौसला अफजाई की।रामलीला मंचन में कलाकारों के इन संवादों को दर्शकों ने आन-लाईन भी अपने घरों में बैठ कर देखा तथा संदेशें द्वारा कैकेई-मंथरा तथा दशरथ-कैकेई संवादों की काफी सराहना की गयी।चतुर्थ दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि दीपक पोखरिया प्रतिष्ठित व्यवसायी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।उन्होंने रामलीला समिति की हार्दिक प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके द्वारा ऐसे सांस्कृतिक और ऐसिहासिक कार्यक्रम निरन्तर आयोजित किये जाते रहे हैं जो वर्तमान परिवेश में अपनी लोक कला संस्कृति के उत्थान,संरक्षण एवं नयी पीढी को इससे जोडने हेतु अत्यन्त आवश्यक पहल है।जिसके लिये रामलीला मंच से यह मुहिम जारी रखी जानी चाहिए।उन्होंने समिति के संस्थापक/संयोजक पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक को बधाई प्रेषित करते हुये कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि श्री कर्नाटक समाज में उत्तराखंड की विरासत,संस्कृति को आगे बढ़ाने हेतु जागरूकता लाने व महिलाओं को मंच के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिये प्रयासरत रहेंगे।वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रावत ने दशरथ,कमल जोशी -कैकेई, वैष्णवी जोशी -मंथरा, रश्मि काण्डपाल -राम,दीक्षा कर्नाटक -लक्ष्मण,कोमल जोशी -सीता, मीनाक्षी जोशी -कौशिल्या,मेघा काण्डपाल -सुमित्रा का अभिनय कर रहे कलाकारों ने अपने संवादों से सभी दर्शकों को बांधे रखा।विशेषकर कैकेई-मंथरा संवाद व दशरथ-कैकेई संवाद ने अतिथियों सहित रामलीला मैदान में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को भाव-विभोर कर दिया।इस अवसर पर समिति के समस्त पदाधिकारी तथा आशु मेहता,निखिल तिवारी, कपिल नयाल,आयुष मेहता, ललित बिष्ट, योगेश जोशी,अनूप,अशरद,अमर बोरा, अशोक बनकोटी, बृजेश पाण्डे, मनीष बिष्ट,नन्दनसिंह बगडवाल,भुबन चन्द्र पाण्डे,तनोज कर्नाटक, सीता रावत,रीता पाण्डे, चन्द्र दत्त जोशी, लीलाधर काण्डपाल, भुबन चन्द्र कर्नाटक, जगदीश चन्द्र तिवारी,पूरन चन्द्र तिवारी, रमेश चंद्र जोशी,कमल पालीवाल,देवेन्द्र गोस्वामी,एमसी.काण्डपाल, दयाकृष्ण जोशी आदि सहित सैंकड़ों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन गीतांजलि पाण्डे द्वारा किया गया।

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