नैनीताल:::- नगरपालिका नैनीताल की कार पार्किंग व लेक ब्रिज में कार्यरत डेएनयूएलएम के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने वेतन ना मिलने व चोरी का आरेाप लगाए जाने को लेकर शुक्रवार को मल्लीताल डीएसए पार्किंग में विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारेवाजी की।
इस दौरान सुपर वाइजर कहा कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है और अब उनपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें उपने परिवार वालों से भी खरी खोटी सुननी पड़ रही है वहीं पालिकाध्यक्ष से मुलाकात करने पर उन्होंने वेतन देने से साफ इन्कार कर दिया है। वेतन नहीं मिलने तक सभी महिलाएं कार्यबहिस्कार करेंगी और यदि वेतन नहीं मिलता है तो वह न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगी।
महिलाओं की सुपरवाइजर प्रेमा करायत ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा महिला समूह स्वरोजगार के तरह 01 अप्रैल से कार्य पर रखा गया था, श्रम विभाग की न्यूनतम मजदूरी दरों पर उन्हें मानदेय वेतन दिया जाएगा। कहा की पूरा सीजन निपट गया है आज तीन माह 10 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक महिलाओं को कोई कोई वेतन नहीं दिया गया है। कहा की सभी महिलाएं इस मामले को लेकर पालिकाध्यक्ष के पास गए तो उन्होंने सभी महिलाओं की बेइज्जती की और महिलाओं पर चोरी का आरोप लगाया। कहा की इसके अलावा वहा पर सभासद आते हैं और बेइज्जती करके चले जाते हैं। जब पालिकाध्यक्ष से वेतन की बात कही तो पालिकाध्यक्ष
डॉ.सरस्वती खेतवाल ने मानदेय नहीं देने की बात कही। कहा कि परिवारजन भी बिना मानदेय के काम पर क्यों जा रहे हो। की बात कहते है।
वहीं तारा पांडे का कहना है की वो टोल और पार्किंग में कार्यरत हैं। 01 अप्रैल से वह यहां पर कार्य कर रही हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई मानदेय नहीं दिया गया है। कहा कि जब तक मानदेय नहीं दिया जाता तब तक वह कार्य नहीं करेंगे। मानदेय मिलने के बाद वह कार्य करने के लिए तैयार हैं। कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय के निर्देश पर यहां कार्य के लिए रखा गया है यदि उन्हें वेतन नहीं मिलता है तो वह उच्च न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे।
कविता देवी कहना है की तीन माह से अब तक उन्हें कोई वेतन नहीं दिया गया है। इस संबंध में परिवारजनों की ओर से भी बार बार पूछा जा रहा है कि वेतन कब मिलेगा जिसके चलते आज वह पालिकाध्यक्ष के पास गए थे लेकिन पालिकाध्यक्ष ने कहा कि नगरपालिका पास कोई पैसा नहीं है। आपकी जिनसे बात हुई है उनके पास जाइए और उनसे कहिए कि हमारा वेतन दें। कहा कि महिलाओं पर गलत गलत आरोप व चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं। हटाने की कोशिस की जा रही है। कहा कि तीन महीने तक सीजन में महिलाओं ने मेहनत कर पालिका को लाभ दिया। लेकिन सीजन समाप्त होते ही महिलाओं पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
इस दौरान कविता देवी, यमुना शर्मा, वंदना खेतवाल, अनीता रौतेला, भगवती जोशी, मंजू नैनवाल, विमला आगरी, मुस्कान, शालनी, ईशा, आशा बिष्ट, पायल, किरण, संतोष आर्य, नीमा साह, प्रेमा आर्य, ललिता, गायत्री, कमला फर्तयाल, ललिता बिष्ट, मुन्नी देवी, जानकी, नीमा कोहली आदि मौजूद रहे।

Bahut achcha likha hai