नैनीताल:::- तल्लीताल धर्मशाला में गुरुवार को किशोर-किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सेवाओं की पहुंच को लेकर जिला स्तरीय संवाद का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्था की प्रतिनिधि कंचन भंडारी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य स्वास्थ्य का ही एक अभिन्न हिस्सा समझा जाना चाहिए और इस विषय पर संवाद के लिए एक खुला व सुरक्षित वातावरण तैयार करना आवश्यक है।
वहीं गायत्री दरमवाल द्वारा संस्था 15 गाँवों में किशोरों और स्टेकहोल्डरों के साथ किए गए मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट साँझा की गई। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी देना, खुले संचार को प्रोत्साहित करना, स्व-देखभाल को बढ़ावा देना, मानसिक संकट का सामना कर रहे किशोरों की सहायता करना, और समुदाय आधारित जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से विशेषज्ञों से समुदाय को जोड़ना है।
कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. गरिमा कांडपाल ने मेंटल हाइजीन, तनाव के लक्षण, विचारों और आदतों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। डीपीएम मदन मेहरा ने कहा कि सकारात्मक विचार मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और उन्होंने आरकेएसके कार्यक्रम की जानकारी दी।
इस दौरान भावना कुंवर, हरेंद्र कठायत, मुकुल, प्रियंका, चित्रा, विशाल, नैतिक, मयंक, अंजली, चांदनी,हरीश, लक्ष्मी, राधा, किशन समेत अन्य लोग मौजूद रहें।
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नैनीताल : विमर्श संस्था द्वारा किशोर-किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य पर किया जिला स्तरीय संवाद का आयोजन
