नैनीताल :::- कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के हित में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय लेते हुए यह व्यवस्था लागू की है कि अब देश या विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में नौकरी या उच्च शिक्षा हेतु चयनित होने वाले छात्र-छात्राओं को मूल डिग्री तुरंत प्रदान की जा सकेगी। इसके लिए उन्हें दीक्षांत समारोह अथवा कार्यकारी परिषद की स्वीकृति की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।
यह महत्वपूर्ण निर्णय विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक में पारित हुआ। इस निर्णय से छात्रों को समय पर अवसर प्राप्त करने में सहूलियत होगी और उन्हें अनावश्यक देरी से मुक्ति मिलेगी।
इस मानवीय पहल के पीछे कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत का नेतृत्व और छात्रों के प्रति उनकी संवेदनशील सोच प्रमुख कारण रही है। हाल ही में एक प्रतिभाशाली छात्रा के विदेश में चयन के दौरान उत्पन्न स्थिति के चलते कुलपति प्रो. रावत ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उसे तत्काल डिग्री प्रदान की थी। इसके बाद उन्होंने इस विषय में स्थायी नीति के रूप में संशोधन का प्रस्ताव रखने का निर्देश दिया, जिसे अब परिषद द्वारा औपचारिक रूप से अनुमोदित कर दिया गया है।
अब कुलपति के स्तर से ही योग्य विद्यार्थियों को समयबद्ध ढंग से डिग्री प्रदान की जा सकेगी  इससे विश्वविद्यालय की प्रशासनिक प्रक्रियाएँ भी अधिक छात्र-मित्र होंगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे विद्यार्थियों को बड़ा लाभ मिलेगा।

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