नैनीताल :::-कुमाऊं विश्वविद्यालय में बुधवार को एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण केवल चयन की तैयारी नहीं है, बल्कि छात्रों को एक जिम्मेदार, आत्मविश्वासी और नेतृत्वशील नागरिक बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह पहल विश्वविद्यालय की छात्र-हितैषी सोच और समग्र शिक्षा दृष्टिकोण का प्रतीक है।
कुलपति प्रो. रावत ने कहा कि जीवन में बाधाएं आती हैं, लेकिन यदि आपके अंदर सीखने की भूख, सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प है, तो आप हर कठिनाई को पार कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि इस प्रशिक्षण को केवल परीक्षा पास करने का माध्यम न समझें, बल्कि इसे स्वयं को एक बेहतर व्यक्ति में ढालने का अवसर मानें।
कार्यक्रम में ब्रिगेडियर शंकर प्रसाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए अपने अनुभव साझा किए और कहा कि सेना न केवल एक पेशा है, बल्कि यह जीवनशैली और सम्मान से जुड़ा दायित्व है। उन्होंने छात्रों से ईमानदारी, साहस और सेवा-भावना के साथ प्रशिक्षण में भाग लेने का आह्वान किया।
कर्नल डी.के. रावल ने एसएसबी प्रक्रिया की बारीकियों और व्यवहारिक पक्षों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को ग्राउंड रियलिटी से जोड़ने वाली बातें बताईं। उन्होंने प्रशिक्षण को गंभीरता से लेने की सलाह दी और कहा कि इसमें सफलता पाने के लिए केवल शारीरिक क्षमता नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और नेतृत्व क्षमता की भी आवश्यकता होती है।
प्रो. ललित तिवारी, निदेशक, विज़िटिंग फैकल्टी निदेशालय ने विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के शामिल होने से छात्रों को मिलने वाले लाभ पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और राष्ट्रीय चेतना का वातावरण बनता है।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रीतेश साह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कुलपति महोदय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की समावेशी और नवाचारी सोच का परिणाम है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों को नौकरी नहीं, जिम्मेदारी की तैयारी के लिए तैयार करना है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अनुशासन, समर्पण और आत्मविश्वास के साथ इस यात्रा को अपनाएं।
