नैनीताल::::- बलियानाला क्षेत्र में दीर्घकालिक समाधान के लिए उत्तराखण्ड शासन द्वारा वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति के क्रम में संचालित बहुपरियोजना कार्यों का शुक्रवार को सचिव, आपदा प्रबंधन, उत्तराखण्ड  विनोद कुमार सुमन द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया।

बलियानाला योजना के लिए कुल ₹177.91 करोड़ (₹172.91 करोड़ + ₹5 करोड़ पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण हेतु) की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जनवरी 2024 में अनुबंध गठन के उपरांत कार्य आरंभ किया गया, भूगर्भीय परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पूर्व में निर्मित डीपीआर को सुदृढ़ करने की आवश्यकता अनुभव की गई। इस संदर्भ में शासन द्वारा डीपीआर के सुदृढ़ीकरण का निर्णय लिया गया।
आईआईटी रुड़की द्वारा सुझाए गए तकनीकी उपायों एवं पीएमसी सदस्यों के सुझावों को सम्मिलित करते हुए कुल ₹298.93 करोड़ की पुनरीक्षित योजना को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई। पुनरीक्षित योजना में Micropile, Grouting, Shotcrete, Self Driven Anchors (SDA), Welded Wire Mesh इत्यादि तकनीकों के माध्यम से स्थल सुदृढ़ीकरण के कार्य सम्मिलित किए गए हैं।

शुक्रवार को बलिया नाले के निरीक्षण के दौरान सचिव आपदा द्वारा सेक्शन-A के विभिन्न बेंच (El 1880, El 1866, El 1852) पर संपादित कार्यों का अवलोकन किया गया।
निरिक्षण के दौरान मुख्य अभियंता सिंचाई, संजय शुक्ल द्वारा संपादित तकनीकी कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई। सचिव द्वारा अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया एवं आगामी कार्यों की भी गहन जानकारी प्राप्त की गई।

निरीक्षण के दौरान सचिव आपदा द्वारा आमजन से संवाद कर उनके सुझाव सुने तथा उनकी सुगमता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलिंग, सीढ़ियों आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु विभाग को निर्देशित किया गया। साथ ही विभिन्न सेक्शन से निकल रही जलधाराओं को पाइपों के माध्यम से सुरक्षित रूप से नाले (टो) तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए, जिससे संभावित कटाव को रोका जा सके।
इस दौरान निरिक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी,अधीक्षण अभियंता सिंचाई महेश खरे,सहायक अभियंता सुमित मालवाल, पंकज पाठक, अपर सहायक अभियंता पुष्पेन्द्र सैनी तथा निर्माणदायी संस्था अरुण कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधिगण इंदरजीत एवं दीपक शर्मा भी उपस्थित रहे।

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