नैनीताल:::- गुरुद्वारा साहिब नैनीताल में रविवार को गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित अखंड पाठ साहिब का भोग सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जालंधर से पहुंचे संतोष सिंह के जत्थे ने कीर्तन दरबार सजाकर संगत को भाव-विभोर किया। कीर्तन उपरांत गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर भी वितरित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान गुरुद्वारा सभा के अध्यक्ष जोगेंदर सिंह आनंद के साथ अमनप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह, जसमीत सिंह, गगनदीप सिंह, संदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, जसबीर कौर, जगजीत कौर, सुरेन्द्र कौर और कुलदीप कौर सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।


गुरु तेग बहादुर जी दिवस (शहीदी दिवस) इसलिए मनाया जाता है क्योंकि
9वें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, मानवाधिकार और कमजोरों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।
क्यों मनाया जाता है?
1. धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा
मुगल सम्राट औरंगज़ेब के समय कश्मीरी पंडितों पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव था। वे सहायता के लिए गुरु तेग बहादुर जी के पास गए।
गुरु जी ने उनकी रक्षा के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया।
2. अत्याचार के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक
उन्होंने कहा था कि “दूसरों के धर्म की रक्षा करना भी एक महान कर्तव्य है।”
3. बलिदान और साहस की याद में
दिल्ली के चांदनी चौक में 1675 में उनका सार्वजनिक रूप से शहीदी दी गई।
उनके इस सर्वोच्च बलिदान की याद में गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस मनाया जाता है।
इस दिन का संदेश
धर्म की स्वतंत्रता सभी के लिए है
अन्याय के सामने खड़े होना ही सच्चा साहस है
मानवता सबसे बड़ा धर्म है