नैनीताल:::- कुमाऊँ विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर में “उद्यमिता एवं नवाचार” विषय पर कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर (KU-IIC) के बैनर तले किया गया।

मुख्य वक्ता एवं कैंपस के पूर्व छात्र श्री संजीव भगत, फ्रूटेज के संस्थापक रहे। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 1993 में अचार और केचप से शुरू हुई उनकी उद्यम यात्रा आज 46 से अधिक उत्पादों तक पहुँच चुकी है। इनमें लोकप्रिय बुरांश जूस भी शामिल है। वर्तमान में उनके पाँच शोरूम संचालित हैं और उत्पाद ऑनलाइन माध्यम से पूरे देश में उपलब्ध हैं।

छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “नौकरी में आमदनी की सीमा होती है, जबकि व्यवसाय में कमाई की कोई सीमा नहीं।” उन्होंने सफलता का मूल मंत्र स्वतंत्र सोच, रचनात्मकता और गुणवत्ता को बताया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. ललित तिवारी ने किया। प्रो. आशीष तिवारी ने KU-IIC के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. ऋचा गिनवाल ने छात्रों को एआई के प्रयोग से नए विचार विकसित करने के लिए प्रेरित किया, वहीं डॉ. निधि वर्मा ने व्यवसाय और वाणिज्य का अंतर स्पष्ट कर उद्यमिता को अवसर सृजन का माध्यम बताया।

इस अवसर पर संजीव भगत को शॉल ओढ़ाकर एवं मोमबत्ती भेंटकर सम्मानित किया गया।

कार्यशाला का संचालन डॉ. हर्देश शर्मा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. ऋचा गिनवाल, प्रा. गीता तिवारी, डॉ. हरिप्रिया पाठक, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. श्रुति साह, डॉ. नीता आर्य, डॉ. इकरमजीत सिंह मान, डॉ. नंदन मेहरा, डॉ. दिलीप कुमार,  विशाल बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहें।


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