नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में डीएसबी परिसर के रसायन विज्ञान विभाग में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की स्थापना के 50 साल पूरे होने की खुशी में आयोजित हुई वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय “कृत्रिम बुद्धिमत्ता वरदान या अभिशाप” था। वाद-विवाद प्रतियोगिता को लेकर विश्वविद्यालय के सभी विभागों के छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह देखा गया।
एमएससी तृतीय वर्ष की तनीषा बिष्ट को विषय के पक्ष में बोलने के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया वहीं एमएससी प्रथम की छात्रा निर्मला जलाल दूसरे स्थान पर रहीं। विषय के विपक्ष में बोलते हुए बीएससी तृतीय की श्रेया जोशी को प्रथम व बीएससी तृतीय की बबीना भंडारी को द्वितीय पुरस्कार मिला।
डीन साइंस व रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी व कृत्रिम बुद्धिमत्ता को एक ज्वलंत मुद्दा बताते हुए सभी को इस विषय पर सोचने व विवेकपूर्ण विचार रखने की सलाह दी व भविष्य में भी ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन विभाग द्वारा होता रहेगा ऐसा आश्वासन दिया. प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रो. ललित तिवारी, प्रो. हरिप्रिया पाठक और डॉ. विक्रम बेदी रहे. रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. ललित मोहन, डॉ. मनोज धुनी व डॉ. गिरीश खर्कवाल ने प्रतियोगिता का आयोजन किया. कार्यक्रम में प्रो. सहराज अली, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. दीपशिखा जोशी, डॉ. आकांक्षा रानी उपस्थिति रहे।

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