देहरादून :::- उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग के 127 नितांत अस्थायी प्राध्यापक पिछले एक वर्ष से अपनी व्यवस्था से बाहर हैं। 8 से 10 वर्षों तक लगातार सेवा देने वाले इन प्राध्यापकों का समायोजन न हो पाने से उनके परिवारों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। कई प्राध्यापक परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर चिंता में हैं।
आश्वासन पर आश्रित इन प्राध्यापकों ने 27 अगस्त को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. विश्वनाथ खाली से संयुक्त मुलाकात की। मंत्री ने निदेशक को निर्देशित किया कि रिक्त पदों पर शीघ्र समायोजन किया जाए और जिन विषयों में पद रिक्त नहीं हैं, वहां शेष प्रकरण शासन को भेजकर समाधान निकाला जाए।
प्रभावित प्राध्यापकों का कहना है कि वे वर्षों से छात्रों को पढ़ा रहे हैं और शिक्षा व्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, लेकिन अब बेरोजगारी और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। वे निदेशालय और शासन से अपील कर रहे हैं कि शीघ्र निर्णय लेकर उन्हें फिर से अपने महाविद्यालयों में भेजा जाए ताकि उनका जीवन पटरी पर लौट सके।
इस दौरान डॉ.एके उपाध्याय, डॉ.एसएस कंडारी, डॉ. सीएम बडोनी, डॉ. एस सिंह, डॉ.जेपी पंवार, डॉ. एम कुमार, डॉ. एके शर्मा, डॉ. एन पांडे, डॉ. जे.एस थपलियाल, डॉ. एस शर्मा, डॉ.एमके बडोनी, डॉ. एम जोशी, डॉ. आर कांत, डॉ. वी कांडपाल, डॉ. एम रावत, डॉ. पी सिंह, डॉ. पीके, डॉ.आर रतूड़ी, डॉ.एम नेगी, डॉ.पी दूबे, डॉ आरके सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
