चुनाव की रणभेरी कर रही उदघोष
अब नहीं है विश्राम के दिन शेष
देश के अर्जुनो !उठा लो मत का शस्त्र
जीवित हो तो जीवित होने का प्रमाण दो
मतदान करो ,मतदान करो।

हे पुण्यभूमि के भूमिपुत्रों
यदि जीवट राष्ट्र के पराक्रमी नागरिक योद्धा हो
तो मतदान करो ,मतदान करो।

हे दधीचि के वंशजों
यदि राष्ट निर्माण में दान कुछ कर सको
तो मतदान करो,मतदान करो।

हे ओजस्वी भारतीय सभ्यता के ध्वजावाहको
यदि कोई भीष्म प्रतिज्ञा ले सको
तो मतदान करो ,मतदान करो।

हे अपराजिता देश के देशवासियों
यदि कृष्ण बनकर रणक्षेत्र को दिशा दे सको
तो मतदान करो, मतदान करो।



हे गौरवमयी लोकतंत्र के उत्तराधिकारियों
यदि सिंहसवार कर मतजागरूकता फैला सको
तो मतदान करो,मतदान करो।

हे भारतीय शासनपद्धति के चिरंजीवियों
यदि आंजनए बनकर राष्ट्र को कोई नई संजीवनी दे सको
तो मतदान करो,मतदान करो।

हे भारत के भाग्य विधाताओं
अपने कर्तव्यों के प्रति न धृतराष्ट्र बन, न गांधारी बन
कर सके तो बस मतदान कर ,मतदान कर ।

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