रामनगर:::-  पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय  में उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना शिविर का शुभारंभ  शुक्रवार को किया गया।  इस दौरान कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य प्रो. एमसी पांडे व विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। प्राचार्य प्रो.एमसी पांडे ने अपने उद्घाटन भाषण में छात्रों को उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देवभूमि उद्यमिता योजना को भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। इस योजना के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उद्यमिता के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया गया। मुख्य अतिथि  माया नेगी ने स्टार्टअप कार्यक्रम का विस्तार से वर्णन किया और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने 200 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया और वर्तमान में कास्तकार  विकास समिति कोटाबाग की अध्यक्ष के रूप में समाज के उत्थान के लिए काम कर रही हैं।  माया नेगी को इस कार्य के लिए आईएआरटी पूसा, दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिविर में जय शारदा जन कल्याण समिति की अध्यक्ष  नीमा बिष्ट ने बूट कैंप के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।  भावना मेहरा  ने स्टार्टअप कार्यक्रम शुरू किया और वर्तमान में लगभग 50 महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही हैं।  समूह के माध्यम से निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया और लोक संस्कृति को संरक्षित रखने के उपायों पर भी चर्चा की।
देवभूमि उद्यमिता योजना के समन्वयक सुमित मिश्रा ने छात्रों को योजना के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे नौकरी ढूंढने के बजाय स्वयं रोजगार देने वाले बनें। उनके सत्र में प्रश्नोत्तर के माध्यम से छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। मंच का संचालन प्रो. जगमोहन सिंह नेगी के द्वारा किया गया।  योजना की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की तथा देवभूमि उद्यमिता योजना के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। शिविर के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने भी योजना की जानकारी दी। इस दौरान कार्यक्रम में प्रो.एसएस मौर्य (चीफ प्रॉक्टर), प्रो. पुनीता कुशवाहा, डॉ. नीमा राणा, डॉ. नवभा जोशी, डॉ. प्रकाश बिष्ट, डॉ. दीपक खाती,  डॉ. अलका राजोरिया, डॉ. नितिन डोमने, डॉ. मुरली कापड़ी सहित   शिविर में लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया, जो उद्यमिता और स्वरोजगार के प्रति जागरूक हुए और भविष्य में इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुए।

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