भीमताल/नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने भीमताल स्थित जे.सी. बोस परिसर में फार्मेसी के छात्रों के साथ संवाद करते हुए ‘ड्रग डिस्कवरी’ विषय पर विस्तृत चर्चा की और उन्हें शोध एवं नवाचार के लिए प्रेरित किया।

कुलपति प्रो. रावत ने ‘ड्रग डिस्कवरी’ प्रक्रिया की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह औषधीय अनुसंधान में एक क्रांतिकारी क्षेत्र है। उन्होंने समझाया कि नई दवाओं की खोज के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, आधुनिक तकनीकों और नवीन विधियों का प्रयोग आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने और नवीन औषधीय यौगिकों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा दी।

उन्होंने छात्रों को बताया कि औषधीय अनुसंधान और नवाचार से न केवल नई दवाओं का विकास संभव होता है, बल्कि इससे चिकित्सा जगत को भी अत्यधिक लाभ मिलता है। कुलपति ने विश्व स्तर पर हो रहे फार्मास्युटिकल अनुसंधानों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में एक मजबूत भूमिका निभा सकता है और छात्रों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

छात्रों ने कुलपति से अपने शोध कार्यों और करियर संबंधी जिज्ञासाओं पर भी चर्चा की। कुलपति ने उन्हें अनुसंधान के क्षेत्र में नए अवसरों की जानकारी दी और विश्वविद्यालय द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रयोगशालाओं को आधुनिक उपकरणों से लैस कर रहा है ताकि छात्रों को अनुसंधान के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं मिल सकें।

इस संवाद के माध्यम से कुलपति प्रो. रावत ने फार्मेसी छात्रों को अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने और वैश्विक स्तर पर भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया।

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