नैनीताल:::- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी क्रांतिकारी मोर्चा नगर इकाई एवं पीपुल्स फोरम के तत्वावधान मे रविवार को तल्लीताल गॉंधी चौक में 1994 में उत्तराखंड आंदोलन में शहीद हुए खटीमा मंसूरी के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान राज्य आंदोलन ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि जिन सपनों और आंकाक्षाओ को लेकर इस राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी और राज्य आंदोलन में 42 से अधिका आंदोलनकारियों ने अपनी शाहदतें दी थी आज राज्य निर्माण के 24 साल होने पर भी वह आधे अधूरे हैं। कहा कि आज देवो की देव भूमि कहलाने वाला उत्तराखंड राज्य बढ़ते हुए अपराधों और महिला उत्पीड़न की घटनाओं से दहला हुआ है, पूरे प्रदेश में आये दिन जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है उससे पूरे उत्तराखंड की छवि पर एक कलंक लगता जा रहा है। कहा कि ये राज्य इस लिए नहीं मांगा था कि ये अपराधों और महिला उत्पीड़न का गढ़ बनता जाएं। राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार को इन बढ़ते हुए अपराधों पर तुरंत अंकुश लगाये जाने की मांग की है। अगर इस प्रकार के अपराधों पर सरकार नियत्रंण नहीं करती है तो विवश होकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को राज्य की जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा। वर्तमान परिस्थितियों में नैनीताल के पुराने हैरिटेज भवनों को धवस्त करके नये सरकारी निर्माण कार्य पर भी अंकुश लगाये जाने की मांग राज्य आंदोलनकारियों द्वारा की गई की गई।
इस दौरान पद्मश्री प्रोफेसर शेखर पाठक, पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता रमन साह, सैय्यद नदीम, मुन्नी तिवारी, लीला बोरा, भारती जोशी, चम्पा उपाध्याय, माया चिलवाल , गायत्री, दीपा जोशी, धना पांडे, बिमला पांडे, सलमा, शकुन्तला, राज्य आंदोलनकारी शाकिर अली, डा.रमेश पांडे, मनमोहन सिंह कनवाल, गणेश सिंह बिष्ट, प्रकाश पांडे, इंदर सिंह नेगी, महेश जोशी, दिनेश उपाध्याय, मनोज सिंह बिष्ट, रहिस अहमद, भगवान पाठक, पान सिंह सिजवाली, तारा सिंह बिष्ट, कंचन चंदोला, डीएन भट्ट, वीरेन्द्र जोशी, गिरीश चंद्र जोशी, तारा सिंह बिष्ट, मुकुल कांडपाल, हेम चन्द्र वारियाल, सतीश आर्य, कृष्ण चन्द्र पांडे सहित अन्य आंदोलनकारी मौजूद रहें।
Crime
Dehradun
Haldwani
Nainital
News
Opinion
Politics/राजनीती
Uncategorized
Uttarakhand
World News
इंडिया india
देहरादून
धार्मिक
पर्यटन
स्वरोजगार