नैनीताल :::- “क्लाइमेट चेंज Adaptation & Disaster Risk Reduction for Resilient Future” विषय पर आयोजित 02 दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि राजेन्द्र रतनू एवं पर्यावरणविद् चण्डी प्रसाद भट्ट, अकादमी के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) प्रकाश चन्द्र, आईएएस की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

आज के तकनीकीय सत्रों में बतौर मुख्य चेयर पर्सन पद्म प्रो. शेखर पाठक के साथ डॉ.आकाश सोंधी, आई.आई.टी., दिल्ली, अतुल सती, एक्टीविस्ट जोशीमठ, प्रो0 मनीष श्रीखण्डे, आई.आई. टी., रूड़की थे। तीनों ही पैनालिस्ट के द्वारा उपरोक्त विषय पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। द्वितीय सत्र में मुख्य चेयर पर्सन के साथ प्रो० सूर्य प्रकाश, एन.आई.डी.एम., डॉ० अजय चौरसिया, सी.बी.आर.आई, रूड़की, डॉ० कपिल जोशी, ए.पी.सी.सी.एफ, देहरादून, मानसी ऐसर, न्याय कार्यकर्ता, हिमांचल प्रदेश इत्यादि थे।

पर्यावरणविद् परिवर्तन एवं भविष्य में इस हेतु एक ठोस रणनीति बनाये जाने पर गहन चर्चायें की गयी। समापन के अवसर पर चण्डी प्रसाद भट्ट जी द्वारा पुनः पर्यावरण संरक्षण जल, जंगल, जमीन, जीव, जन्तुओं पर पड़ रहे प्रभाव पर चिन्ता व्यक्त की एवं हिमालयी राज्यों को सम्मिलित करते हुवे नेपाल एवं भूटान देश को भी सम्मिलित करते हुवे एक शोध संस्थान उत्तराखण्ड राज्य में होना आवश्यक बताया, इस हेतु उन्होनें एन.आई.डी.एम. नई दिल्ली से भी सहयोग की अपेक्षा की है। प्रो. संतोष कुमार एन.आई.डी.एम, नई दिल्ली द्वारा कार्यशाला में संचालित सात सत्रों में हुई चर्चा में निकले बिन्दुओं, सुझाव को सभी अतिथियों, प्रतिभागियों के सम्मुख प्रस्तुत किया।

समापन सत्र में अपने वक्तव्य में कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र रतनू जी ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न आयामों जिनमें सामुदायिक, सांस्कृतिक, विकसित बहुआयामी संकल्पों को साथ लेते हुये भौगोलिक स्थलाकृति के अनुरूप कार्यवाही पर जोर दिया, साथ ही एक राष्ट्रीय स्तर के ऐसे संस्थना की परिकल्पना की जिसमें जलवायु परिवर्तन, हिम-स्खलन, भू-स्खलन, भूकम्प, बाढ़ हेतु आंकलन, निरीक्षण पर वृहद रिर्सच एवं अध्ययन किया जाये, इसके साथ ही एनआईडीएम द्वारा देश में हिमालयन डायलॉग पर एक श्रृंखला शुरू करने का आश्वासन दिया ।

संयुक्त निदेशक (प्रशासन) अकादमी प्रकाश चन्द्र द्वारा सभी अतिथिवार्ताकारों तथा प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया, जिससे हम इस कार्यशाला का सफल आयोजन कर सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed