नैनीताल:::-  कुमाऊँ विश्वविद्यालय में पीएम–उच्चा (पीएम–यूएसएचए) अभियान के अंतर्गत मे़रू सॉफ़्ट कम्पोनेंट द्वारा प्रायोजित तथा आईक्यूएसी के तत्वावधान में दो दिवसीय अनुसंधान पद्धति प्रशिक्षण कार्यक्रम  का शुभारंभ  हरमिटेज  स्थित देवदार हॉल में हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. संतोष कुमार (निदेशक, आईक्यूएसी एवं डीन एकेडमिक्स), प्रो. नीता बोरा शर्मा (निदेशक, डीएसबी कैंपस), समन्वयक प्रो. रीतेश साह तथा मुख्य वक्ता प्रो. अरुण एस. खरात (जेएनयू, नई दिल्ली) ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

उद्घाटन संबोधन में प्रो. संतोष कुमार ने कहा कि अनुसंधान में उत्कृष्टता तभी संभव है जब शोधार्थी पद्धति, नैतिकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा ताकि शोधार्थी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।

प्रो. नीता बोरा शर्मा ने कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान उसके शोध की गुणवत्ता से होती है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम शोधार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विश्लेषणात्मक सोच और उच्चस्तरीय लेखन कौशल विकसित करने में सहायक होते हैं।

कार्यक्रम के पहले सत्र में प्रो. अरुण एस. खरात ने शोधार्थियों को लिट्रेचर रिव्यू की संपूर्ण प्रक्रिया पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि प्रभावी लिट्रेचर रिव्यू के लिए गहन पठन, व्यवस्थित नोट्स बनाना और रिसर्च गैप की पहचान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने गूगल स्कॉलर, स्कोपस, जे–स्टोर जैसे अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस का उपयोग, सर्च स्ट्रैटेजीज़, शोध मैट्रिक्स निर्माण तथा एंडनोट सॉफ़्टवेयर के प्रयोग की जानकारी भी दी।

पोस्ट-लंच सत्र में आईआईटी रुड़की के प्रो. तरुण शर्मा ने शोध को ज्ञान–सृजन की प्रक्रिया बताते हुए ऑन्टोलॉजी, एपिस्टेमोलॉजी और एक्सियोलॉजी जैसे दार्शनिक आयामों की सरल व्याख्या की। उन्होंने शोध में प्रयुक्त स्टैटिस्टिकल मेथड्स और डेटा एनालिसिस पर भी विस्तृत सत्र संचालित किया।

कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. रीतेश साह ने बताया कि शोधार्थियों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और विशेषज्ञों से आधुनिक शोध तकनीकों व उपकरणों की गहन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों को समझने और उच्च गुणवत्ता वाला शोध करने की दिशा में प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर डॉ. नंदन सिंह, डॉ. हर्ष चौहान, डॉ. सरोज, डॉ. अशोक उप्रेती, डॉ. सुरेश जोशी, डॉ. ऋचा गिनवाल, डॉ. दिलीप सहित अनेक संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित रहे।

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