नैनीताल :::- स्मार्टफोन और इंटरनेट की हर हाथ तक पहुंच हो जाने एवं नित नए मनोरंजक व आपस में जुड़ाव के प्रोग्राम-एप्प के आ जाने से किताबों की दुनिया सिकुड़ती जा रही है। डिजिटल युग में पढऩे के तौर-तरीकों में भारी बदलाव के कारण पुस्तकों से छात्र-छात्राओं का नाता अब भले ही आज से एक-दो दशक पहले वाला नहीं रह गया हो लेकिन नियमित अध्ययन, कैरियर निर्माण से लेकर जीवन के अन्य आयामों को समझने के आज भी पुस्तकों का नियमित अध्ययन आवश्यक है।

छात्र-छात्राओं को नियमित रूप से पुस्तकालय का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय, के कुलपति प्रो. दीवान एस रावत द्वारा अभिनव पहल की जा रही है। विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर एवं सर जेसी बोस परिसर के पुस्तकालयों के साथ-साथ मेजर राजेश अधिकारी केंद्रीय पुस्तकालय में नियमित रूप में पढ़ने एवं सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज कराने वाले तीन छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय द्वारा ”लाइब्रेरी चैंपियन” पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।

इस पहल के सन्दर्भ में कुलपति प्रो. दीवान एस रावत ने बताया कि पुस्तकालय छात्रों को बौद्धिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने वाले संसाधन और वातावरण प्रदान करके बचपन से वयस्कता तक सफल संक्रमण प्राप्त करने में सहायता करता है। अतः छात्र-छात्राओं का पुस्तकों का नियमित अध्ययन आवश्यक है। कुलपति प्रो० रावत ने बताया कि अधिकांश विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होते हैं, खासकर अगर इसमें किसी प्रकार का पुरस्कार या सम्मान शामिल हो अतः छात्र-छात्राओं को नियमित रूप से पुस्तकालय का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ”लाइब्रेरी चैंपियन” पुरस्कार आरम्भ किया जा रहा है।

कुलपति प्रो.रावत ने बताया कि इस संदर्भ में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर निदेशकों एवं पुस्तकालयाध्यक्ष को पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को नियमित रूप से दर्ज कराने हेतु पत्र प्रेषित किया जा चुका है।

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