हल्द्वानी :::-  वन विकास निगम की बैठक में आयुक्त दीपक रावत ने सैक्टरवार वन विभाग की योजनाओं के प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान आयुक्त ने कहा कि वन विभाग के माध्यम से नये इको जोन की योजनाओं पर कार्य हो रहे है उनमें पर्यटन के साथ ही ग्रामीणों, स्वयं सहायता समूहों के लोगों भी जोडा जाए इससे जहां क्षेत्र के ग्रामीण लोगों की आजीविका मजबूत होगी वही पलायन भी रूकेगा। उन्होने कहा नये फाटोजोन का निर्माण पूर्ण हो चुका है इस प्रकार के जोन में वर्षभर लोग आते है। इसी प्रकार के जोन का विकास कुमाऊ मण्डल आवश्यक है जहां वर्षभर पर्यटकों का आवागमन रहता हो।
       बैठक में आयुक्त ने कहा कि विगत वर्ष वनाग्नि की काफी घटना हुई है उसे रोकने के लिए प्लानिंग के तहत किस प्रकार रोका जा सके इसके लिए कार्यप्रणाली की आवश्यकता है। बैठक में सीसीएफ विनय कुमार ने बताया कि वन आच्छादित क्षेत्रों के निकट ग्रामीण इलाकों मे वनाग्नि की घटना अधिक हुई है क्योकि ग्रामवासी नई घास की अच्छी उपज के लिए आग लगाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए वन आच्छादित क्षेत्रों के ऐसे ग्राम के नजदीक चारा प्रजाति के पौधे लगाये जायेंगे। जिससे ग्रामवासीयो के चारा निरंतर मिलता रहेगा और इससे भविष्य में होने वाली वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
        बैठक में आयुक्त ने कहा कि मण्डल के जितने भी लैंड हस्तान्तरण के मामले हैं उन्हें सुनियोजित तरीके से सुलझाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा वन्यजीवों के द्वारा मृतक एवं घायलों को मुआवजा राशि भुगतान समय से किया जाए। उन्होंने कहा वन विभाग के द्वारा जो भी योजनायें बनाई जांए वह दीर्घकालीक हो और उससे वन आच्छादित ग्रामीणों, स्वयं सहायता समूहों तथा आस-पास के क्षेत्रों को स्वरोजगार के साथ जोडा जाए। आयुक्त ने कहा कि मण्डल में मार्गों पर वन विभाग के वृक्षों पर लोगों द्वारा होर्डिग्स लगाये गये है जो अनुचित है ऐसे वृक्षों पर लगे होर्डिग्स का  चिन्हिकरण कर जुर्माना भी लगाया जाए।
बैठक में सैक्टवार योजना के प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई साथ ग्रीन इण्डिया मिशन के तहत कार्या की समीक्षा व मण्डल में पर्यटन हेतु इको जोन बनाने के सम्बन्ध मे विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया।
      बैठक में सीसीएफ विनय कुमार, टी आर बीजूलाल, डीएफओ सीएस जोशी, आरसी काण्डपाल, कुन्दन कुमार, उमेश चन्द्र तिवारी, प्रकाश आर्य, संयुक्त निदेशक अर्थसख्या राजेन्द्र तिवारी के साथ ही वन एवं वन निगम के अधिकारी उपस्थित थे। 

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