नैनीताल:::- छात्र संघ नेताओं ने सोमवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उत्तराखंड युवा एकता मंच के संस्थापक पवन रावत के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में बढ़ते छात्र असंतोष और उनकी समस्याओं को उजागर करना था। मंच ने कुमाऊँ अपर अयुक्त के माध्यम से ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा, जिसमें छात्रसंघ चुनावों की शीघ्रता से व्यवस्था करने की मांग की गई। छात्र नेताओं ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाई। उत्तराखंड युवा एकता मंच के संस्थापक पवन रावत ने कहा कि छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार है कि वे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर छात्रसंघ चुनावों को टाल रही है, जिससे छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। कहा कि छात्रसंघ चुनावों की स्थगन नीति छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसके परिणामस्वरूप छात्र आंदोलन और शिक्षा व्यवस्था में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि छात्रसंघ चुनावों को जल्द से जल्द आयोजित किया जाए, ताकि छात्रों की आवाज सुनी जा सके और उनके मुद्दों पर ध्यान दिया जा सके। वही युवा मंच उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार का हिस्सा हैं और इसका आयोजन निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से होना चाहिए। सरकार ने अगर समय रहते युवाओ की मांगे पूरी नही की तो आने वाले निकाय चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस दौरान जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन मौजूद रहा।
इस दौरान अध्यक्ष कबीर साह, उपाध्यक्ष प्रदीप आर्या, बेरोजगार संघ अध्यक्ष अभिषेक कुमार, तरुण कुमार, छात्रनेता आशीष कबडवाल, करन दनाई, करन सती, तनिष्क मेहरा, भाष्कर जोशी, कमलेश चंद्र, आयुष गंगवार, अंशुल,संजय बर्गली, तनीषा जोशी, वैष्णवी खंडका, मोनिका सिंह, किरन, राहुल जोशी, पियूष, अक्षत, राहुल आर्या, आयुष, अभिषेक, नीरज कन्याल मयंक, दीप समेत अन्य छात्र नेता मौजूद रहे।