नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के द हरमिटेज सभागार में शुक्रवार को माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण के लिए सेमिनार का आय़ोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने दीप प्रज्ज्वलन से किया। इस दौरान वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूह, महिला योजनाओं आदि की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया माइक्रोफाइनेंस एक प्रकार की बैंकिंग सेवा है जो कम आय वाले समूहों को प्रदान की जाती है। कहा कि कम आय वाले महिला समूह माइक्रोफाइनेंस से लाभ उठा सकते हैं। इससे मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों के महिला समूह आत्मनिर्भर और बेहतर रोजगार से जुड़ सकते हैं ।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के सुरक्षा के लिए आयोग के माध्यम से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2023- 24 में महिलाओं और किशोरियों द्वारा उत्तराखंड राज्य महिला आयोग में अब तक राज्य में कुल 1769 केस दर्ज हुए हैं। जिसमें से 1167 केस का निस्तारण किया गया, जबकि 602 केस गतिमान हैं। जिसमें मुख्य रूप से घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न के मामले हैं । कहा कि कोई भी बालिका, महिला जो उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। वो आयोग या महिला हेल्प लाइन के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकती हैं । साथ ही वन स्टाप सेंटर के माध्यम से मामलों का निस्तारण किय़ा जा सकता है। इसमें मुख्य रुप से भेदभाव, हिंसा, हमला, दहेज प्रताड़ना और लिंग के आधार पर गर्भपात आदि पर काउंसलिंग कर मामलों का निस्तारण किया जा सकता है।
– युवाओं को करना होगा जागरुक
अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि वर्तमान में बालिकाएं, महिलाएं, स्कूली बच्चे सोशल मीडिया के माध्यम साइबर क्राइम की चपेट में आ रहे हैं। सोशल मीडिया में अनजान लोगों से बात, सपंर्क सूत्र और अपनी निजी जानकारी नहीं देनी चाहिए। साथ ही परिजनों से बच्चों की मानिटरिंग करने की बात कही।जिससे साइबर क्राइम को रोका जा सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी और एसएसपी को बाहरी राज्यों या जिलों से आ रहे लोगों का सत्यापन कराने के निर्देश और साथ ही समय समय पर जागरुकता अभियान चलाने की बात कही।
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