नैनीताल:::-  भारतीय वन सेवा  के 1993 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी  विश्वनाथ शाह वर्तमान में अध्यक्ष, झारखंड जैव विविधता बोर्ड के पद पर कार्यरत हैं। वे प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) के समकक्ष रैंक रखते हैं। इसके साथ ही वे निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, झारपार्क्स, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मानव संसाधन विकास) तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, झारखंड राज्य वन विकास अभिकरण के दायित्वों का भी सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं।


विश्वनाथ शाह भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM), भोपाल के गौरवशाली पूर्व छात्र हैं। वे संस्थान के प्रथम बैच (1990) के विद्यार्थी रहे और उन्हें निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत उन्होंने टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (TERI), नई दिल्ली में कनिष्ठ अनुसंधान सहकर्मी (JRF) के रूप में की, जहाँ उन्होंने बायोमास मूल्यांकन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध कार्य किए। उनके कई शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। उनके प्रसिद्ध शोधपत्र “Sampling Design for Biomass Assessment in the Degraded Forest of Aravallis” के लिए उन्हें ब्रैंडिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो इंडियन फारेस्टर द्वारा प्रदान किया गया था।


तीन दशकों से अधिक की सेवाओं के दौरान शाह ने झारखंड तथा पूर्व बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने वन संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता संवर्द्धन और सतत विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर अपनी विशेष पहचान बनाई है। कैरियर मैदानी अनुभव और नीतिगत प्रशासनिक दक्षता का आदर्श संगम प्रस्तुत करता है। उनके नेतृत्व में झारखंड में वन संपदा संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता प्रबंधन को नई दिशा मिली है इनकी प्रतिबद्धता और दूरदृष्टि ने झारखंड राज्य को पर्यावरणीय नीतियों के क्षेत्र में एक सशक्त उदाहरण के रूप में स्थापित किया है।

One thought on “नैनीताल : वन संवर्द्धन और जैव विविधता संरक्षण के अग्रदूत – विश्वनाथ शाह”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed