नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर के राजनीतिक विज्ञान में एमबीपीजी हल्द्वानी के शोधार्थी पंकज सिंह नेगी की पीएचडी की अंतिम मौखिकी परीक्षा आयोजित की गई। इस दौरान उन्हें “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में व्यतिकरण के राजनीतिक प्रशासनिक निहितार्थ का विश्लेषणात्मक अध्ययन” शीर्षक में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
पीएचडी मौखिकी बाह्य परीक्षक प्रोफेसर शरद कुमार सोनी, चेयरमैन , सेंटर फॉर इनर एशियन स्टडीज,जेएनयू ,नई दिल्ली ने पंकज सिंह के शोध कार्य की सराहना करते हुए शोध ग्रंथ को विशिष्ट बताया और बाह्य परीक्षक ने शोध ग्रंथ के पुस्तक के रूप में प्रकाशन की भी बात कही ताकि आम जनमानस अनुच्छेद 370 के समापन के बाद हुए राजनीतिक- प्रशासनिक परिवर्तनों से परिचित हो सके! मौखिकी परीक्षा के पश्चात शोधार्थी पंकज सिंह ने शोध कार्य के दौरान निरंतर समर्थन व शोध ग्रंथ और अकादमिक करियर को बेहतर बनाने के लिए अपने शोध निर्देशक प्रोफेसर कैलाश चंद्र कलौनी के प्रति अपना आभार प्रकट किया। शोध निर्देशक ने पीएचडी उपाधि की संस्तुति प्रदान करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के समापन के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय में इस विषय पर पहली बार शोध कार्य किया गया है।
बता दें कि पंकज सिंह वर्तमान में डीएसबी परिसर के राजनीति विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्य कर रहे हैं पंकज सिंह को पीएचडी की उपाधि मिलने पर डीएसबी परिसर की परिसर निदेशक प्रो.नीता बोरा शर्मा ने शुभकामनाएं व हर्ष व्यक्त किया, इसके अतिरिक्त उनके परिजनों व शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
इस दौरान संयोजक शोध, राजनीतिक विज्ञान विभाग प्रो. कल्पना अग्रहरि,डॉ.रुचि मित्तल,डॉ.हरदेश कुमार,डॉ.मोहित रौतेला,डॉ.भूमिका प्रसाद, डॉ. मनोज बाफला,डॉ.देवेंद्र परिहार, डॉ. कृतिका बोरा, इंद्र प्रसाद,सुहेल सिद्दीकी, सतीश कुमार आदि समेत अन्य लोग मौजूद रहे।