नैनीताल :::-  उत्तराखंड के अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने एमबी इंटर कॉलेज में सुधार परीक्षा के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य किया, जिसमें उन्होंने जिला अध्यक्ष  शैलेंद्र जोशी और जिला महामंत्री लक्ष्मी दत्त पाठक के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर अपनी एकता और सरकार के प्रति गहरे असंतोष को प्रकट किया। यह कदम सरकार की दोहरी नीतियों के खिलाफ था, जहां राजकीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है जबकि अशासकीय शिक्षकों को उपेक्षा और सीमित अवसरों का सामना करना पड़ता है। अशासकीय शिक्षकों की योग्यता और समर्पण राजकीय शिक्षकों से कम नहीं है, फिर भी उन्हें महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। यह अन्यायपूर्ण स्थिति है जिसे अशासकीय शिक्षक अब और सहन नहीं करेंगे। राजकीय शिक्षकों के आंदोलन से बाधित मूल्यांकन कार्य को अशासकीय शिक्षकों ने पूरा किया, जिससे छात्रों का रिजल्ट समय पर आ सके।
अशासकीय शिक्षकों की इस भागीदारी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे न केवल अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित हैं, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक हैं और उपेक्षा के विरुद्ध अपनी आवाज मजबूती से उठाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अशासकीय शिक्षकों के योगदान को पहचाना जाए और उन्हें राजकीय शिक्षकों के समान अवसर, सम्मान और अधिकार प्रदान किए जाएं। यह कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के हितों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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