नैनीताल :::- पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जमरानी बांध परियोजना को लेकर अधिकारियों के साथ शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। इस दौरान भट्ट ने अधिकारियों को परियोजना संबंधित सभी कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए साथ ही डूब क्षेत्र में आ रहे परिवारों को बांटी गई विभिन्न श्रेणियां में मुआवजा वितरित करने तथा जिन परिवारों की श्रेणी संबंधित आपत्ति यह हैं उनको निस्तारित करने के निर्देश दिए।

शुक्रवार को सांसद  भट्ट ने जमरानी बांध परियोजना को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजर से लेकर अन्य पदों पर एक्सपर्ट अधिकारियों का चयन हो चुका है। इसके अलावा जमरानी बांध परियोजना की शुरुआती स्थिति में होने वाले कार्यों को शुरू कर दिया गया है।  भट्ट ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कई परिवारों को विस्थापित करने के लिए बनाई गई श्रेणियां को लेकर आपत्ति है लिहाजा उनकी सुनवाई जल्द कर उन्हें भी निश्तरित किया जाए। इसके अलावा प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि भी वितरित करने जल्द शुरू की जाए। पढ़ने बताया कि विस्थापितों की श्रेणियां वार में प्रथम श्रेणी में 213 परिवार द्वितीय श्रेणी में  821 परिवार और तृतीय श्रेणी में  233 आए हैं। इनके विस्थापन के लिए उधम सिंह नगर में पराग फॉर्म और गाड़ियाबाग 300.5 एकड़, हैड़ाखान मंदिर भी पंचायत की 2.5 एकड़ भूमि पर विस्थापित होगा।  भट्ट ने कहा कि कई परिवारों ने उनके श्रेणी चयन को लेकर आपत्तियां जताई हैं उनके द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पुनः उनकी आपत्तियों का निस्तारण किया जाए। वर्तमान समय में बांध निर्माण के लिए प्रोजेक्ट कंसलटेंट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सहित अन्य एक्सपर्ट पैनल का चयन भी हो गया है। भट्ट ने कहा कि जल्द उनका यह ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल पर दिखाई देगा। जिसका फायदा भाबर और तराई की लाखों की आबादी को पेयजल और सिंचाई के रूप में होगा।


जमरानी बांध बहुउ‌द्देशीय परियोजना की अद्यतन स्थिति

परियोजना की पृष्ठभूमि

जमरानी बांध बहुउदृशीयपरियोजना को पहली बार वर्ष 1975 में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार और योजना आयोग द्वारा तकनीकी रूप से रु0 61.25 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।

वर्ष 1981 में परियोजना के प्रथम चरण में गोला बैराज का निर्माण, 40.5 किमी लंबी नई नहरों और 244 किमी लंबी नहर नेटवर्क का नवीनीकरण किया गया।

• जमरानी बांध परियोजना लागत रू0 2584.10 करोड़ की स्वीकृति केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा दिनांक 11.02.2019 को प्रदान की गई।

जमरानी कंक्रीट ग्रेविटी बांध 150.6 मीटर ऊंचाई, 405 मीटर लम्बाई गौला नदी पर मौजूदा गौला बैराज से 10 किमी अपस्ट्रीम जिला नैनीताल, उत्तराखंड में निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। बाँध के जलाषय अथवा झील की लम्बाई 10 कि०मी० एवं लाइव स्टोरेज 142.72 एमसीएम है, जिसका उपयोग पेयजल और सिंचाई के लिए किया जाना है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी द्वारा जमरानी परियोजना के मूल्यांकन के बाद, उत्तराखण्ड राज्य मंत्रिमंडल ने 21 फरवरी 2024 को परियोजना के अवषेष कार्यों हेतु संशोधित लागत रू0 3678.23 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। इसके अतिरिक्त परियोजना के कार्यों हेतु वर्ष 2024-25 में उत्तराखण्ड वार्षिक बजट में रू0 700 करोड़ का प्राविधान किया गया है।

महत्त्वपूर्ण फायदे

हल्द्वानी शहर में सिंचाई, एवं पेयजल परियोजना के प्रमुख घटक हैं।

इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चार जिलों में 57065 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जाएगी। यूपी के जिला रामपुर और बरेली को 47607 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई का पानी मिलेगा जबकि उत्तराखंड के नैनीताल और यूएस नगर जिलों को 9458 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान की जाएगी।

परियोजना के लिए पानी और लागत साझा करने के लिए मई 2018 में यूपी और उत्तराखंड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यूपी और उत्तराखंड को क्रमशः 57प्रतिशत और 43प्रतिशत सिंचाई जल प्राप्त होगा। यूपी द्वारा परियोजना लागत पर 594.38 करोड़ रुपये के रूप में साझा की जाने वाली लागत की गणना वर्ष 2015 के मूल्य स्तर पर की गई है।

परियोजना से हल्द्वानी शहर को 42.70 एमसीएम या 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। वर्ष 2051 में शहर की अनुमानित जनसंख्या 10.65 लाख के लिए इसका आकलन किया गया है।

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