नैनीताल::-व्यस्त जीवन शैली के चलते लोग तेजी से मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं। वहीं पूरे कुमाऊं में अब तक कोई मानसिक अस्पताल न होने के कारण मानसिक रोगियों के परिजनों को रोगी इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ता है लेकिन अब कुमाऊं मंडल ही मानसिक रोगियों को क्षेत्र में बेहतर इलाज मिल पाएगा। नैनीताल के गेठिया क्षेत्र में अब मानसिक अस्पताल खुलने जा रहा है। इसके लिए शासन से 44 करोड़ रुपये का बजट जारी हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल को बजट जारी कर दिया गया है अब जल्द ही अस्पताल का काम शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि कुमाऊं में मानसिक रोगियों के लिए कोई भी सरकारी मानसिक अस्पताल नहीं है। जिसके चलते मानसिक बीमारी झेल रहे कई मरीजों को इलाज के लिए दूर दराज जाना पड़ता है। जहां रोगी के परिवार का समय व पैसा दोनों खर्च होते हैं। लेकिन अब नैनीताल के गेठिया सेनेटोरियम में कुमाऊं का पहला मानसिक अस्पताल बनने जा रहा है। एक साल के भीतर मानसिक अस्पताल बन जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने 100 बेड के इस अस्पताल के लिए गेठिया सेनिटोरियम में जगह चिंहित कर ली है। जो मानसिक रोगियों के लिए एक सामान्य अस्पताल की तरह होगा। लेकिन यहाँ मानसिक रोगियों को पूरा इलाज व दवाएं दी जाएंगी। इसके साथ ही सलाह व थेरेपी की भी सुविधा मरीजों को अस्पताल में मिल पाएगी। शासन की ओर से 44 करोड़ रुपया स्वीकृत किया जा चुका है। जिसमें से ब्रिडकुल कंपनी को तीन करोड रुपया काम शुरू करने के लिए हस्तांतरित कर दिया है।
सीएमओ डा. हरीश चंद्र पंत ने बताया कि ब्रिडकुल कंपनी को कार्य शुरू करने के लिए तीन करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं। क्षेत्र में मानसिक अस्पताल बनने से पूरे समूचे कुमाऊं को इसका लाभ मिलेगा। एक वर्ष के भीतर अस्पताल बनकर तैयार होना है। इसके लिए गेठिया सेनिटोरियम बहुत उपयुक्त स्थान है।

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