नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में शनिवार को कुलपति प्रो.दीवान सिंह रावत की अध्यक्षता में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की बैठक आयोजन हुआ। बैठक में कुलपति प्रो.रावत ने नैक के सभी सात मानकों पर खरा उतरने के लिए विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से कुमाऊं विश्वविद्यालय को बी ग्रेड दिया गया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने नैक ग्रेडिंग से असंतुष्ट होकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसके पश्चात् नैक द्वारा पुनर्मूल्यांकन किया जाना प्रस्तावित है।

कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के अनुभवी प्राध्यापकों एवं कर्मियों की टीम पूरी तन्मयता से काम कर रही है। कुलपति स्वयं प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी विभागों एवं गतिविधियों में प्रगति की समीक्षा कर रहे है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने विश्वविद्यालय में शोध, अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ाने हेतु किये जा रहे प्रयासों से अवगत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रयोग, अनुसंधान और खोज को प्राथमिकता देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और इसे प्राप्त करने के लिए एक संस्कृति स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।

बैठक के दौरान निदेशक आईक्यूएसी प्रो. संतोष कुमार ने अपने प्रजेंटेशन के माध्यम से एकेडमिक कैलेंडर, विद्यार्थियों के रिकॉर्ड और फीडबैक, शिक्षक-स्टाफ प्रोफाइल, रिसर्च पब्लिकेशन व सुपरविजन, लेक्चर, सेमिनार व अन्य आयोजन, विभागीय लाइब्रेरी की स्थिति, पिछले पांच साल की विभागीय गतिविधि, संसाधनों की स्थिति, एल्यूमिनाई रिकॉर्ड, स्पोर्ट्स गतिविधियां आदि पर प्रकाश डाला।

बैठक में प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग में विशेष कार्याधिकारीयों

भाष्कर खुल्बे ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें शिक्षार्थी को केवल मूल्यांकन के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा कि हमें प्राध्यापकों के प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने, शिक्षण में नवाचारी पद्धतियों का विकास करने सहित परीक्षण/मूल्यांकन की व्यापक प्रविधियाँ तय कर उन्हें व्यावहारिक स्वरूप में लागू करने की दिशा में कारगर कदम उठाने चाहिये।

आईक्यूएसी की बैठक में किरोड़ीमल महाविद्यालय, दिल्ली के प्रो. रामानंद सिंह ने इवोल्यूशन, क्वालिटी पैरामीटर्स, पॉलिसी रिफॉर्म्स , एकेडमीक एक्टिविटी, फैसिलिटी लर्नर इन्वायरमेंट, इंप्रूवमेंट टीचिंग, ग्रीवेंस रेडरेस्सल सेल, फीडबैक आदि के संदभ में जानकारी दी।

इस अवसर पर विशेष आमंत्रित सदस्य आईआरएस शिबङ्का दास विश्वास ने बताया कि किस तरह से विभागों द्वारा स्टार्टअप्स शुरू किए जाएं साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को किस तरह से प्रस्ताव भेजकर उनका क्रियान्वयन किया जाए।

इस दौरान बैठक में निदेशक परिसर प्रो. नीता बोरा शर्मा, कुलसचिव दिनेश चंद्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ.महेंद्र राणा, प्रो. आशीष तिवारी, प्रो. गीता तिवारी, डॉ.नंदन सिंह बिष्ट, डॉ. दिपाक्षी समेत अन्य लोग मौजूद रहें।

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