नैनीताल:::- कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर के रसायन विज्ञान विभाग में विज्ञान के शिक्षकों और छात्र छात्राओं के लिए सोमवार को मैजिक इन पाई इंटरेक्शन पर व्याख्यान आयोजित की गई ।  इस व्याख्यान के वक्ता स्कूल ऑफ़ अर्थ एंड एनवायर्नमेंटल साइंस, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हिमांचल प्रदेश धर्मशाला से प्रो. दीपक पंत थे।  प्रो. पंत विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल हैं और समाज उपयोगी रिसर्च में उसके सैकड़ों रिसर्च पब्लिकेशन प्रसिद्ध जर्नल्स में प्रकाशित हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया की समाज की समस्या को समझ उस को दूर करने के उपाय अपनी शोध प्रतिभा से दूर कर सकते हैं।  वेस्ट पदार्थों को उपयोगी संसाधनों में बदल सकते हैं। कार्बन डाई ऑक्साइड के बढ़ते प्रतिशत को रोकने के लिए होने वाली शोध पर ध्यान देने की आवश्यकता है इस विषय पर विशेष जोर दिया। 

वहीं प्रो. चित्रा पांडे ने कहा कि इस तरह का शोध और उसके परिणाम आने वाले वक्त की मांग हैं।  उत्तराखंड जैव विविधताओं से भरपूर है। ऐसे में प्रकृति के इस वरदान को आने वाली पीढ़ियों के लिए सकारात्मक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस दौरान सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय से प्रो. रूबीना अमान, प्रो. गीता तिवारी, प्रो. ऐनजी. साहू, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. महेश चंद्र आर्या, डॉ. मनोज धूनी, डॉ. ललित मोहन, डॉ. गिरीश खर्कवाल, डॉ. दीपशिखा जोशी, आंचल अनेजा, डॉ. आकांक्षा रानी, डॉ. भावना पंत मौजूद रहे।

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