नैनीताल::::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के देवदार सभागार में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के समेकित मूल्यांकन, समीक्षा एवं मार्गदर्शन संबंधी कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो.दीवान एस रावत की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद की सदस्य सचिव आईआरएस केसंग वाई शेरपा, आईटीईपी कार्यक्रम के कोर ग्रुप के सदस्य प्रो. आरसी पटेल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के प्रतिनिधिमंडल के समस्त सम्मानित सदस्यों का पुष्प गुच्छ एवं बैज अलकरण के साथ स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। साथ ही इंटीग्रेटेड बीएड विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई, जिन्हें सभागार में उपस्थित समस्त अतिथियों द्वारा सराहा गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के समन्वयक प्रो.अतुल जोशी द्वारा आयोजन की रूपरेखा एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि यह कार्यक्रम कुमाऊं विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह कार्यक्रम उसे ऐसे समय में प्राप्त हुआ है जब कुमाऊं विश्वविद्यालय के विभाजन के परिणामस्वरूप एसएसजे विश्वविद्यालय के पृथक रूप में अस्तित्व में आने से कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय विहीन हो गया था। इस हेतु उन्होंने उत्तराखंड शासन, कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन एवं एनसीटीई का आभार ज्ञापन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद की सदस्य सचिव सुश्री केसांग वाई शेरपा ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए यह गौरव का विषय है कि एनसीटीई के द्वारा पायलट मोड पर चलाई जा रहे एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रीपेटरी मोड के तहत 85 छात्र-छात्राओं ने बीएससी-बीएड ,बीकॉम-बीएड तथा बीए-बीएड में प्रवेश लिया है, जिससे स्पष्ट है कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं में इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम में प्रवेश लेने के प्रति अत्यधिक उत्साह है। उन्होंने यह भी कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय में संचालित हो रहा यह कार्यक्रम देश के स्तर पर एक उदाहरण बनेगा।
प्रतिनिधिमंडल में विषय विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित प्रो आरसी पटेल, जोआईटीईपी कार्यक्रम के कोर ग्रुप के सदस्य भी रहे है, द्वारा अपने सम्बोधन में पूरे देश में पायलट मोड में संचालित हो रहे एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की संरचना, उद्देश्य एवं भविष्य पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे इस कार्यक्रम में अध्यनरत छात्र छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं तथा पठन-पाठन के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियां का भी निर्वहन किया जा रहा है जोकि इस कार्यक्रम की मूल आत्मा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० दीवान एस रावत ने कहा कि इंटीग्रेटेड बी०एड० पाठ्यक्रम की पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों की शिक्षा को गुणवत्ता और मजबूती प्रदान करने की सिफारिश के अनुरूप की गई है। इस अहम पहल के तहत उन छात्रों को प्लेटफार्म मुहैया कराना है जो बारहवीं की पढ़ाई के बाद ही शिक्षण के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। ऐसे में उनकी स्ट्रीम (संकाय) के आधार पर उन्हें उस क्षेत्र में ही बीएड करने का मौका मिलेगा। यह पाठ्यक्रम ऐसे विद्यार्थियों के लिए है, जो शिक्षण के क्षेत्र में भविष्य निर्माण की चाह रखते हैं। उन्होंने कहा कि 1 वर्ष के अंदर आईटीईपी के अवसंरचना विकास के लिए प्रस्तावित भीमताल परिसर में भवन का निर्माण करवा लिया जाएगा, इसके लिए मेरू योजना के तहत भारत सरकार से 8 करोड़ से अधिक धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। उन्होंने इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्हों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में इन विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए स्मृति चिन्हों को विश्वविद्यालय के अन्य कार्यक्रमों में भी उपयोग में लाया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को पहचान मिल सके।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इंटीग्रेटेड बीएड का निरिक्षण किया साथ ही छात्र-छात्राओं की शंकाओं व समस्याओं का निराकरण भी किया। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के अकादमिक सलाहकार डॉ.डीके चतुर्वेदी, अभीमन्यु यादव, जोजियाना लकरा, अनिल कुमार, सिद्धार्थ, दुर्गेश शर्मा सम्मिलित थे।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा द्वारा कार्यक्रम के अंत में सभी आगंतुकों एवं अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर परिसर की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ.महेंद्र राणा, क्रीड़ा प्रभारी प्रो. नगेन्द्र शर्मा, डॉ. जीवन उपाध्याय, इंटीग्रेटेड बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष, समस्त प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।