नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय  के संगीत विभाग में “भारतीय शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम श्रृंखला” के तीसरे अध्याय का सफल आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ.गगनदीप होठी द्वारा केयूआईएफ़आर प्रोजेक्ट के तहत किया गया। 

कार्यक्रम में नई दिल्ली के सुविख्यात कलाकार सौमित्र ठाकुर ने अपना सितार वादन प्रस्तुत किया। राग बसंत मुखारी में आलाप, जोड़ एवं तीन ताल में निबद्ध दो रचनाएँ प्रस्तुत कीं। तत्पश्चात् आपने अपने वादन का समापन राग सूरदासी मल्हार से किया। तबले पर संगत देहरादून के उभरते तबलावादक चित्रांक पंथ ने की। ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन के ए-ग्रेड के कलाकार  सौमित्र ठाकुर ने अपने कुशल सितारवादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।   सितारवादन में इमदादखानी एवं मैहर घराने का अभूतपूर्व समन्वय देखने को मिला। 

कार्यक्रम में बतौर  मुख्य अतिथि अंग्रेज़ी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ऐलएम जोशी ने शिरकत की। संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गगनदीप होठी ने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत कि इस श्रंखला को आयोजित करने का मूल उद्देश्य विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के छात्र-छात्राओं को शास्त्रीय संगीत परंपरा से परिचित करवाना एवं भारतीय संस्कृति से जोड़ना है। कार्यक्रम के समापन में बीएफ़ए पाठ्यक्रम की छात्रा ख़ुशी उप्रेती द्वारा बनाए गए दोनों कलाकारों एवं मुख्य अतिथि के स्केच पोट्रेट को भेंट कर किया गया।

इस दौरान परिसर निदेशक प्रो.नीता बोरा शर्मा, संकायाध्यक्ष कला संकाय प्रो. पदम सिंह बिष्ट, डीएसडब्ल्यू प्रो. संजय पंत, प्रो.लता पांडे, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. संजय घिल्डियाल, प्रो. आशीष मेहता, प्रो. नीलू लोधियाल, डॉ. विजय कृष्ण, डॉ. रेखा साह,  दिनेश डंडरियाल,  गीता वर्मा, अभिराम पंत, डॉ. हरिप्रिया पाठक, डॉ. लज्जा भट्ट, डॉ. कपिल खुलबे, डॉ. शिवांगी चन्याल, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. हिमांशु लोहनी, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. निधि वर्मा, डॉ. हृदेश कुमार, डॉ. हेम भट्ट, डॉ. भागवत कुमार, डॉ. संध्या यादव,  बबिता लोहनी, डॉ. लक्ष्मी धस्माना,  पंकज पाठक, दीपेश पाठक, प्रदीप कुमार, भास्कर दत्त कापड़ी समेत अन्य लोग मौजूद रहें ।

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