नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर के संगीत विभाग द्वारा गुरुवार को “भारतीय शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम श्रृंखला” के “द्वितीय अध्याय” में “तबला” वाद्य पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम चरण का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत ने डॉ. विजय कृष्ण, डॉ.रेखा साह, दिनेश डंडरियाल, प्रो.ललित तिवारी एवं प्रो.आशीष मेहता के साथ मिलकर माँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यशाला में उपस्थित इन सभी अतिथिओं ने विद्यार्थिओ को प्रोत्साहित करने के लिए संक्षिप्त वक्तव्य भी दिए।
कार्यशाला के प्रथम चरण में संगीत विभाग डीएसबी परिसर के विभागाध्यक्ष डॉ.गगनदीप होती ने इस दो दिवसीय कार्यशाला के संचालक डॉ.विजय कृष्ण जी का विस्तृत परिचय दिया। डॉ.विजय कृष्ण जी ने सर्वप्रथम ताल तीनताल में, विभिन्न घरानों की वादन शैलीयों का समावेश करते हुए, अपना तबला एकल वादन प्रस्तुत किया। आपके साथ हारमोनियम पर लहरा संगत, संगीत विभाग के ही सहायक प्राध्यापक अलंकार महतोलिया ने की।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में डॉ.विजय कृष्ण जी ने कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे समस्त विद्यार्थियों को ताल तीनताल में बजाए जाने वाले विभिन्न क़ायदे, पेशकार, पलटे, रेले, टुकड़े इत्यादि का विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया। द्वितीय चरण में आपके साथ हारमोनियम पर लहरा संगत, संगीत विभाग के ही सहायक प्राध्यापक डॉ. रवि जोशी जी ने की।
इस दो दिवसीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य संगीत के विद्यार्थियों को “तबला वादन की बारीकियों” को विस्तृत रूप से समझाना है। कार्यशाला में डॉ.अशोक कुमार, डॉ. संध्या यादव, डॉ. निधि साह, डॉ. हेम भट्ट, डॉ. रितिशा शर्मा, डॉ. जीवन उपाध्याय, डॉ.हिमानी जलाल, डॉ.लक्ष्मी धस्माना, बबीता लोहानी इत्यादि ने प्रतिभाग किया।
20 अक्टूबर को कार्यशाला का द्वितीय एवं अंतिम सत्र आयोजित किया जायेगा जिसमें डॉ.विजय कृष्ण द्वारा तीनताल के अतिरिक्त, विभिन्न अलग-अलग मात्राओं की तालों पर विस्तृत रूप से चर्चा की जायेगी।
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