नैनीताल ::::- उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल देश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. नैनीताल शहर समेत पूरे जिले में कई होम स्टे और होटल स्थित हैं. इसके साथ ही इन जगहों में कई ऐसे होम स्टे और होटल भी संचालित किए जा रहे हैं जिनका पंजीकरण पर्यटन विभाग में नहीं हैं. वहीं नैनीताल जिले में तेजी से फैल रहे पर्यटन कारोबार के बीच बिना पंजीकरण होटल और होमस्टे संचालन से चांदी काट रहे कारोबारियों की मनमर्जी पर अब पर्यटन विभाग नकेल कसने जा रहा है. दरअसल
जिला प्रशासन के निर्देशों पर पर्यटन विभाग की जिलेभर में संचालित पर्यटन इकाइयों की सर्वे करने और बिना पंजीकरण संचालित हो रहे होटल और होमस्टे की सूची तैयार कर अवैध रूप से संचालित हो रहे इन होटल और होम स्टे पर बड़ी कार्यवाही करने की योजना है.


नैनीताल जिले में तेजी से फैल रहे पर्यटन कारोबार के साथ ही होटलों और होमस्टे की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी होटल और होमस्टे का विस्तार हो रहा है. जिसके लिए पर्यटन विभाग से होमस्टे और अन्य पर्यटन स्वरोजगार योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ जिलेभर में संचालित होम स्टे और होटलों में से कुछ होटल ही पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं. यदि आंकड़ों की बात करने तो वर्तमान में जिलेभर में 900 होमस्टे और 927 होटल ही पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं. जिससे सरकार को भी राजस्व की हानी हो रही है.

पहले चरण में ऑनलाइन बुकिंग कराने वाली इकाइयों की बनेगी सूची

जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि जिले में अवैध रूप से संचालित होम स्टे और होटलों को चिह्नित करना चुनौती भरा काम है. इसके लिए विभागीय टीम को हर भवन में जाकर जांच करनी होगी. इसे देखते हुए पहले चरण में ऑनलाइन डाटा से ऐसी इकाइयों की सूची तैयार की जाएगी. पहले चरण में पर्यटन विभाग इंटरनेट मीडिया और आनलाइन साइट के माध्यम से बुकिंग कराने वाले होटलों और होम स्टे की सूची तैयार करेगा, जिसमें से गैर पंजीकृत इकाइयों को चिह्नित किया जाएगा. फिर विभाग इन गैर पंजीकृत होटल और होमस्टे संचालकों को पंजीकरण के लिए नोटिस जारी करेगा. इस पर्यटन सीजन तक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि अभी तक कुल 60 गैर पंजीकृत इकाइयों को पर्यटन विभाग द्वारा चिन्हित किया जा चुका है।

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