नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेल तथा विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण  ऑनलाइन कार्यक्रम में बेंगलुरु के हर्षवर्धन पंत ने “स्टार्टअप्स: नैतिक और विधिक मुद्दे” पर अपने विचार रखे।  हर्ष पंत ने स्टार्टअप्स के आसपास के विधिक और नैतिक मुद्दों पर एक अंतर्दृष्टिपूर्ण और समृद्ध व्याख्यान दिया।

  पंत ने स्टार्टअप्स के जटिल कानूनी परिदृश्य पर गहन ज्ञान साझा किया, जो अत्यधिक सूचनात्मक और विचारोत्तेजक था। उन्होंने ओला, पेटीएम और बुक माय शो जैसे विभिन्न व्यावहारिक उदाहरणों का हवाला देकर विधिक जटिलताओं को स्पष्ट किया और कई कानूनी उलझनों को किस प्रकार सुलझाया जाए,  जो अक्सर नवोदित उद्यमियों को डराती हैं, पर चर्चा की। उन्होंने व्यापारिक प्रथाओं में नैतिक दुविधाओं और अखंडता बनाए रखने के महत्व पर विशेष रूप से प्रभावशाली प्रकाश डाला। हर्ष वर्धन पंत आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग करने के बाद जर्मनी एवम यूएसए में काम कर चुके है ।  रिटायरमेंट के बाद वो आर्थिक पक्ष पर कार्य कर रहे है।

कार्यक्रम के आयोजक  प्रो. आशीष तिवारी, निदेशक केयूआईआईसी,  इनोवेशन एवम इनक्यूबेशन सेल ने  स्वागत करते हुए इस विषय पर अपने विचार साझा किए।प्रो. ललित तिवारी, निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय ने संचालन करते हुए बौद्धिक संपदा तथा लीगल व एथिक्स की कार्य योजना प्रस्तुत की। 

इस दौरान डॉ.दीपाक्षि, प्रो. बीएस कालाकोटी, प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो.गीता तिवारी, डॉ.पेनी जोशी,  डॉ.हरिप्रिया पाठक, डॉ.श्रुति साह , डॉ.मनीष सांगुड़ी, डॉ.लज्जा भट्ट,डॉ. दीपशिखा जोशी समेत अन्य लोग रहें।

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