नैनीताल :::- कुमाँऊ विश्वविद्यालय के देवदास लॉज में बुधवार से 25 सितम्बर तक चलने वाले आठ दिवसीय एसएसबी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर उद्घाटन करते हुए कुलपति, कुमाँऊ विश्वविद्यालय, प्रो.डीएस रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है जो छात्रों को भारतीय सेना में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल एसएसबी के लिए अर्हता प्राप्त करने के अतिरिक्त अनुशासन टीम वर्क, दृढ़ निश्चय, निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व जैसे प्रमुख गुणों को विकसित करने के बारे में है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थी रणनीतिक रूप से सोचने, निर्णायक रूप से कार्य करने और प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने की अपनी क्षमताओं को निखारेंगे जो रक्षा सेवाओं में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय सेवा के लिए समर्पित कैरियर में आवश्यक नेतृत्व गुणों को भी विकसित करेगा। उन्होंने छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने पास उपलब्ध विशेषज्ञों का पूरा लाभ उठायें। प्रशिक्षण सत्रों में अधिकतम सीखने का प्रयास करें और भविष्य के समस्त प्रयासों में उत्कृष्टता प्राप्त करें।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.पीसी जोशी ने कहा कि कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय का यह प्रयास अपने आप में विशिष्ट है कि विश्वविद्यालय में इतना महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है यह अनूठा प्रयास है। उन्होंने कहा कि आप इस कार्यक्रम से अधिक मजबूत, आत्मविश्वासी और सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ देश की सेवा के लिए तैयार होकर उभरें।
विजिटिंग प्रो.कर्नल डीके रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों में अनुशासन टीम वर्क और निर्णय लेने की क्षमताओं के उच्चतम स्तर की आवश्यकता होती है और यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों में से प्रत्येक में उनका सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस अवसर पर विजिटिंग प्रोफेसर ग्रुप कैप्टन संदीप मोहन ने कहा कि यह कार्यक्रम एसएसबी के कठिन डिजाइन की मांगों को पूरा करने और विद्यार्थियों के भविष्य के प्रयासों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन डा. रीतेश साह, सहायक निदेशक द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति और दोनों विषय विशेषज्ञों को इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं जो हमारे देश के भावी अधिकारियों को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि इस प्रशिक्षण को दृढ़ संकल्प के साथ करें और इसके माध्यम से स्वयं को बताना है कि उनके पास इस महान राष्ट्र का नेतृत्व करने, सेवा करने और उसकी रक्षा करने की क्षमता है। कार्यक्रम में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के 32 विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं।