नैनीताल :::- कुमाऊँ विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. आशुतोष शर्मा को नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 का प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा।

डॉ. शर्मा एक प्रख्यात शिक्षाविद् और वैज्ञानिक हैं जो नैनोस्केल प्रणालियों के व्यवहार को समझने में अपने अग्रणी शोध कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पहले भी शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और इंफोसिस पुरस्कार सहित 20 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

प्रोफेसर शर्मा का प्रभावशाली करियर
डॉ. आशुतोष शर्मा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में चेयर प्रोफेसर और सी. वी. शेषाद्री चेयर प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह डीएसटी थीमैटिक यूनिट ऑफ एक्सीलेंस के संस्थापक समन्वयक हैं और आईआईटी कानपुर में पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग केंद्र के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उनका शोधकार्य सॉफ्ट नैनोफाइब्रिकेशन, नैनोमटीरियल्स, और नैनोस्कोपिक सिस्टम्स पर केंद्रित है जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई दिशाएँ प्रदान करता है।

कुमाऊँ विश्वविद्यालय में हर्ष का माहौल
डॉ. शर्मा को पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा से कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने गर्व व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि डॉ. आशुतोष शर्मा की यह उपलब्धि न केवल नैनोसाइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के योगदान को मान्यता प्रदान करती है, बल्कि युवा शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए प्रेरणादायी भी है। उन्होंने कहा कि डॉ. आशुतोष शर्मा जैसी महान शख्सियत का हमारे विश्वविद्यालय से जुड़ाव, हमारे लिए गौरव का विषय है। यह न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे शैक्षिक जगत के लिए गर्व की बात है। हम उनकी इस अद्वितीय उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देते हैं।
कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों की ओर से भी डॉ. शर्मा को शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

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