नैनीताल::- रविवार की रात लगने वाले चंद्रग्रहण को देखते हुए नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है। इस दौरान माँ नैना देवी मंदिर के कपाट रविवार दोपहर 12:45 बजे से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। यह कपाट सोमवार प्रातःकाल ग्रहण समाप्त होने के बाद विधिवत पूजा-अर्चना और शुद्धिकरण अनुष्ठान के साथ खोले जाएंगे।
ग्रहण काल के दौरान किसी भी प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान, आरती या दर्शन की अनुमति नहीं होगी। ग्रहण उपरांत विशेष हवन-पूजन और शुद्धिकरण अनुष्ठान संपन्न कर कपाट खोले जाएंगे। नैना देवी मंदिर के साथ-साथ पाषाण देवी, गोलू देवता, शनि मंदिर, शिव मंदिर और हनुमानगढ़ मंदिर के कपाट भी बंद रहेंगे।

माँ नैना देवी मंदिर के पुजारी हरीश चंद्र पंत ने बताया कि चंद्रग्रहण लगने से मंदिरों के कपाट परंपरा अनुसार बंद कर दिए गए हैं। मान्यता के अनुसार ग्रहण काल का प्रभाव 9 घंटे पहले से ही अशुभ माना जाता है, जिस कारण मंदिर रविवार दोपहर से बंद हैं। उन्होंने बताया कि ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक रहेगा। इसके उपरांत ब्रह्म मुहूर्त में साफ-सफाई व पूजा-पाठ के बाद कपाट पुनः श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।


चंद्रग्रहण के दौरान नैनीताल के धार्मिक स्थलों की व्यवस्था और नंदा देवी महोत्सव की भव्यता ने मुझे बहुत प्रभावित किया। ज्योतिषीय मान्यताओं को ध्यान में रखकर की गई व्यवस्था वाकई सराहनीय है। नगर की संस्कृति और परंपराओं को देखकर मन गर्व से भर जाता है। क्या चंद्रग्रहण के दौरान किसी विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया था? मुझे लगता है कि ऐसे आयोजन लोगों को एक साथ लाने का बेहतर मंच प्रदान करते हैं। स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान जैसे पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करते हैं। क्या आपको नंदा देवी महोत्सव में शामिल होने का मौका मिला?
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