नैनीताल:::-  सुगम- दुर्गम तैनाती मानकों को पुनर्निर्धारित किए जाने, दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती पर 50 प्रतिशत दुर्गम भत्ता देने समेत तमाम मांगों को लेकर चिकित्सकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के बैनर तले चिकित्सकों ने 04अक्टूबर (शुक्रवार) से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व गुस्साएं चिकित्सक 03 अक्टूबर (गुरुवार) को बांहों में काले फीते बांधकर विरोध दर्ज करेंगे।
इसी को लेकर शनिवार को नैनीताल स्थित राजकीय बीडी पांडे जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने बैठक कर कार्य बहिष्कार की रणनीति तय की। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के बैनर तले हुई बैठक में
चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में डीपीसी व्यवस्था लागू करने, पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने तथा  सुगम व दुर्गम जिलों का पुनर्निर्धारण  करने तथा मासिक वाहन भत्ता देने, दंत चिकित्सकों का रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजन करने समेत अन्य मांगों पर बार-बार आग्रह करने के बाद भी सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिसकी वजह से चिकित्सकों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ रही है।
बताया कि मांगों को लेकर 03 अक्टूबर को सभी चिकित्सक बाहों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करेंगे। यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो 04 अक्टूबर  से कार्य बहिष्कार शुरू करते हुए विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस दौरान  प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ नैनीताल के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रावत ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश में ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन  आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगे। इस दौरान बैठक में डॉ. एमएस दुग्ताल, डॉ. द्रौपदी गर्व्याल , डॉ. मोनिका काण्डपाल, डॉ. दीपिका लोहनी, डॉ. वीके मिश्रा,डॉ. सुधांशु सिंह, डॉ. कोमल,डॉ. हर्षवर्धन पंत ,  डॉ. प्रियांशु श्रीवास्तव, डॉ. तनुजा पाल, डॉ. ममता पांगती,  डॉ. आरुषि गुप्ता,डॉ. प्रेमा,मौजूद थी।

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