नैनीताल:::- बुधवार देर शाम नगरपालिका सभागार में ऑडिट के दौरान सभासद के कक्ष में प्रवेश को लेकर शुरू हुई कहासुनी देखते-ही-देखते विवाद में बदल गई। पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने सभासद लता दफौटी को कमरे में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके बाद अन्य सभासद भी मौके पर पहुंच गए और माहौल गर्मा गया। आरोप है कि पालिकाध्यक्ष ने सभासद के साथ बदसलूकी की तथा अनावश्यक रूप से पुलिस बुलाकर दबाव बनाने की कोशिश की। इस घटना के विरोध में सभासदों ने 22 नवंबर को प्रस्तावित बोर्ड बैठक के बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
इस दौरान पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने कहा कि उनके खिलाफ बेबुनियाद बातें कही जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस बुलाना उनकी मजबूरी थी, क्योंकि हाल के दिनों से पालिका में ऑडिट चल रहा है और कुछ सभासद सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। आरोप लगाया गया कि खिड़कियों के शीशे तोड़े गए और दरवाजे को जोर से धक्का दिया गया। पालिकाध्यक्ष का कहना है कि घटना से पहले का वीडियो रिकॉर्ड उपलब्ध है, लेकिन जिस समय विवाद हुआ उसका रिकॉर्ड गायब है, जिसकी जांच आवश्यक है।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सभासद पहले से ही बोर्ड बैठक का विरोध कर रहे थे, जबकि बैठक स्थगित करने का निर्णय उन्होंने पहले ही ले लिया था। पालिका में अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकायत करते हुए उन्होंने कहा कि उनके आने से पहले ही अन्य दलों के लोग पालिका परिसर में मौजूद थे। छोटी-छोटी बातों को तूल देने से पालिका के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं सभासद मुकेश जोशी ‘मंटू’ ने बताया कि नगर पालिका में इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है। बार-बार होने वाले विवादों से कार्य सुचारू रूप से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभासद अपनी समस्याएं पालिकाध्यक्ष को लिखित रूप में सौंपेंगे तथा तय समय सीमा तक निस्तारण न होने पर वे जनता के साथ आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पालिकाध्यक्ष की होगी। उन्होंने वार्डों में सोलर लाइट न लगने पर भी असंतोष जताया और जल्द बोर्ड बैठक बुलाकर जनता की समस्याएं सुने जाने की मांग की।
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नैनीताल : नगरपालिका में कहासुनी के बाद विवाद गहराया, बोर्ड बैठक का हुआ बहिष्कार

