नैनीताल :::- कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना 1 दिसंबर 1973 को हुई तथा 2024 में 18वां दीक्षांत समारोह 19 जनवरी को होना तय हुआ है। जिसमें सत्र 2021-22 तथा 2022-23 के स्नातक तथा परस्नातक सहित डी-लिट, डी एससी तथा पीएचडी विद्यार्थियों को डिग्री दी जाएगी ।पीएचडी तथा ड्लिट के जिन विद्यार्थियों की मौखिक परीक्षा 16 जनवरी तक भी संपन्न होगी उन्हें भी डिग्री दी जाएगी। इन सभी का 16 से 18 जनवरी को पंजीकरण अनिवार्य है तथा डी लिट तथा डीएससी व मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थी 18 जनवरी को 2 बजे पूर्वाभ्यास में गाउन सहित भाग लेंगे। पचास वर्षों में अनेक महान विभूतियों को मानद उपाधि प्रदान कर चुका है तथा कई गणमान्य लोग इसमें प्रतिभाग भी कर चुके है। जिनमें प्रो.यशपाल ,जनरल बीसी जोशी , कर्ण सिंह ,त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल रहे है । इन 50 सालों में विश्वविधालय ने जहा देश के साथ समाज की सेवा की तथा पदम भूषण तथा पदम श्री पुरुस्कार प्राप्त करने वाले प्राध्यापक भी दिए वही एफ एन ए, एफ एन ए एससी , एफआरएससी , एफआरएसबी ,भटनागर पुरुस्कार करने वाले प्राध्यापक भी दिए । एमएलए , एमपी ,मंत्री के साथ ब्यूरोक्रेट ,वैज्ञानिक , प्राध्यापक भी दिए ।मानद उपाधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गीतकार प्रसून जोशी, न्यायाधीश डॉ. डीवाई.चंद्रचूर्ण, पत्रकार रजत शर्मा, डॉ. डीडी पंत, इला चंद जोशी, गोविंद बल्लभ पंत, शैलेश मटियानी, प्रो.कृष्ण चंद जोशी, जनरल बीसी जोशी, डॉ.देश बंधु बिष्ट, ले जनरल जीएस रावत, एचसी पांडे, डॉ. कर्ण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, एफएस. नरीमन, बीडी पांडे, डॉ. सी रंगराजन, डॉ. आरके पचौरी, डॉ. एमसी. पंत, पद्मश्री मृणाल पांडे, पद्म भूषण चंडी प्रसाद भट्ट, साहित्यकार हिमांशु जोशी, डॉ. सौमित्र रावत जैसे विद्वान के नाम शामिल है।

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