नैनीताल::::- नगर के प्रतिष्ठ विद्यालय ऑल सेंट्स कॉलेज ने एस्ट्रो पाठशाला के सहयोग से कॉस्मिक कार्निवल का सोमवार को आयोजन किया। यह वर्कशॉप बोर्डिंग स्कूल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तहत आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न कोनों से आए स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यशाला में पंचगनी, महाराष्ट्र के बिलिमोरिया हाई स्कूल, गुजरात के वल्लभ आश्रम एमसीएम कोठारी इंटरनेशनल गर्ल्स स्कूल, लहरतारा उत्तर प्रदेश के सनबीम स्कूल, वरुणा उत्तर प्रदेश के सनबीम स्कूल, राजकोट गुजरात के राजकुमार कॉलेज, भोपाल मध्य प्रदेश के संस्कार वैली स्कूल, मोहाली पंजाब के यादवेंद्र पब्लिक स्कूल के साथ साथ मेजबान विद्यालय नैनीताल उत्तराखंड के ऑल सेंट्स कॉलेज के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
इस वर्कशॉप के दौरान छात्रों ने रॉकेट्री, टेलीस्कोप पॉइंटिंग, रोवर डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अलावा, रॉकेट्री, टेलीस्कोप के जरिए लक्ष्य साधना, वर्चुअल वेलोसिटी कार रेस और रोबो कबड्डी जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
शाम के सत्र में छात्रों ने चंद्रमा, बृहस्पति, शनि और तारामंडल का अवलोकन किया। ‘कॉस्मिक कार्निवल’ का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना था।
इस आयोजन के मुख्य अतिथि एआरआईएस (ARIES) के इंजीनियर और ‘टेलीस्कोप मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध मोहित कुमार जोशी थे। उन्होंने छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। एस्ट्रोपाठशाला के सह-संस्थापक अजय रावत और शुभम कुमार ने छात्रों को करियर काउंसलिंग प्रदान की और उनके सवालों का समाधान किया।
इससे पहले मुख्य अतिथि मोहित कुमार जोशी ने उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद ऑल सेंट्स कॉलेज की छात्राओं ने अभी अतिथियों के स्वागत में रासलीला नृत्य प्रस्तुत किया जिसे मुख्य अतिथि द्वारा सराहा गया और ₹5000 की प्रोत्साहन राशि भी गई।
इस दौरान आयोजित मुकाबलों में सनबीम स्कूल, वरुणा प्रथम स्थान पर रहा वहीं द्वितीय और तृतीय स्थान पर यादवेंद्र पब्लिक स्कूल, मोहाली और राजकुमार कॉलेज, राजकोट गुजरात ने प्राप्त किया।
आयोजकों ने बताया कि आने वाले वर्षों में ऑल सेंट्स कॉलेज और एस्ट्रोपाठशाला मिलकर और भी रोमांचक कार्यक्रम आयोजित करेंगे, ताकि स्कूलों में अनुभवात्मक शिक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यक्रम ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति छात्रो के रुझान को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।