नैनीताल:::- ऑल सेंट्स’ कॉलेज में 2 से 6 नवम्बर तक आयोजित पाँच दिवसीय ‘कॉस्मिक कार्निवल 2025’ विज्ञान, तकनीक और खगोल के प्रति विद्यार्थियों में जिज्ञासा जगाने वाला एक अनूठा आयोजन रहा। इस दौरान देश-विदेश के दस प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर विज्ञान के रहस्यों को समझने का अवसर पाया।
भाग लेने वाले विद्यालयों में जेम्स न्यू मिलेनियम स्कूल (दुबई), पाथवेज वर्ल्ड स्कूल (गुरुग्राम), महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल (जयपुर), मोदी स्कूल (लक्ष्मणगढ़), सिंधिया कन्या विद्यालय (ग्वालियर), सनबीम स्कूल (वाराणसी), राजकुमार कॉलेज (राजकोट), सिंधिया स्कूल (ग्वालियर), सनबीम सनसिटी स्कूल एंड हॉस्टल (वाराणसी) तथा मेज़बान ऑल सेंट्स’ कॉलेज (नैनीताल) शामिल रहे।
प्रधानचार्य अंजिना रिचर्ड्स द्वारा आयोजित स्वागत भोज ने सभी प्रतिभागियों को आपसी परिचय और संवाद का अवसर प्रदान किया।
एरीज़ (ARIES) नैनीताल के निदेशक डॉ. मनीष नाजा के प्रेरक संबोधन से हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और नवीन प्रयोगों के लिए प्रेरित किया। इसके उपरांत रॉकेट डिज़ाइन कार्यशाला, टेलिस्कोप प्रशिक्षण, रॉकेट लॉन्च प्रतियोगिता, वर्चुअल वेलोसिटी और रोबो-कबड्डी जैसी गतिविधियाँ आयोजित हुईं। शाम को एस्ट्रोवर्स एक्सपीरियंस प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से छात्रों ने रात के आकाश में तारों और ग्रहों का अद्भुत स्टारगेज़िंग सत्र अनुभव किया।
एरीज़ वेधशाला का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने संपूर्णानंद टेलिस्कोप और वायुमंडलीय अनुसंधान की राडार तकनीक को समझा। प्रतिभागियों ने कृतिका नक्षत्र और एंड्रोमेडा गैलेक्सी की अवस्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा प्रकाश प्रदूषण पर एक जानकारीपूर्ण डॉक्यूमेंट्री भी देखी। रात में उन्होंने 250 मिमी डोबसोनियन टेलिस्कोप से आकाश का अवलोकन किया।
प्राकृतिक छटा के बीच कैंची धाम, सातताल और चाफी का भ्रमण किया। कायकिंग और जिपलाइनिंग जैसी साहसिक गतिविधियों ने उनमें आत्मविश्वास और टीमवर्क की भावना को सशक्त किया।
अंतिम दिन सभी विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने विदाई सत्र में भाग लिया। छात्रों ने इस आयोजन को “जीवन का अविस्मरणीय अनुभव” बताया।
प्राचार्या अंजिना रिचर्ड्स ने कहा कि “कॉस्मिक कार्निवल ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, जिज्ञासा और खोज की भावना को नई दिशा दी है।” उन्होंने एस्ट्रोवर्स एक्सपीरियंस प्राइवेट लिमिटेड और एरीज़ के वैज्ञानिकों सहित सभी सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।

