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नैनीताल :::- कुमाऊँ विश्वविद्यालय में  गुरुवार को कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत के नेतृत्व में गठित विशेषज्ञ समिति की बैठक आयोजित की गई। यह समिति विश्वविद्यालय में शोध प्रकाशनों के मानक तय करने, मान्यता योग्य शोध पत्रिकाओं की सूची तैयार करने तथा गुणवत्ता मापदंड (क्वालिटी मैट्रिक्स) विकसित करने पर कार्य कर रही है।
बैठक में केअर सूची की समाप्ति के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों पर बढ़ी जिम्मेदारी तथा शोध पत्रिकाओं की पारदर्शिता, प्रामाणिकता एवं विषय-संगतता पर गहन चर्चा हुई। समिति ने यह तय किया कि विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शोधार्थियों की पदोन्नति एवं प्रत्यक्ष नियुक्तियों के लिए केवल उन्हीं शोध पत्रिकाओं को मान्यता दी जाएगी जिनमें निष्पक्ष एवं वैज्ञानिक समीक्षा प्रणाली अपनाई जाती है।
कुलपति प्रो. रावत ने कहा कि यह पहल न केवल विश्वविद्यालय की अकादमिक साख को मजबूत करेगी, बल्कि शिक्षकों एवं शोधार्थियों को गुणवत्ता-आधारित शोध कार्यों के लिए प्रेरित भी करेगी। उन्होंने बताया कि समिति शीघ्र ही एक स्पष्ट क्वालिटी मैट्रिक्स जारी करेगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता विश्वविद्यालय के मानकों के अनुरूप हो। उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्ता मापदंड को समय-समय पर अद्यतन किया जाएगा ताकि यह वैश्विक मानकों के अनुरूप बना रहे।
इस पहल से कुमाऊँ विश्वविद्यालय को शोध क्षेत्र में अधिक स्वायत्त, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा।
इस दौरान बैठक में प्रो. एनजी साहू, प्रो. आरसी जोशी, प्रो. एसएस बर्गली, प्रो. श्रीश मौर्य, प्रो. संजय घिल्डियाल, प्रो. राजीव उपाध्याय, प्रो. अमित जोशी, प्रो. रमेश चन्द्र, प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी (कुलपति, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय), प्रो. एस.एस. खनका (वित्त मंत्रालय), प्रो. कविता शर्मा (दिल्ली विश्वविद्यालय) और प्रो. उज्जवल कुमार (दिल्ली विश्वविद्यालय) भी बैठक में शामिल हुए।

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