नैनीताल :::- कुमाऊं आयुक्त ने कहा कि वनाग्नि घटना की सूचना मिलती है, उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. जिसका रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए.मौजूदा समय में कुमाऊं के कई क्षेत्रों में जंगल आग की चपेट में हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर अधिकारी नामित करने के साथ ही लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त ने कहा कि जिन क्षेत्रों में आग लगी है उन स्थानों पर अधिक से अधिक फायर वाचर तैनात किये जांए ताकि आग पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा जिन क्षेत्रों में आग लगी है सम्बन्धित क्षेत्रों के फायर वाचर एवं वन रक्षक अवश्य उन क्षेत्रों उपस्थित रहें अपने कार्यक्षेत्र में लापरवाही ना बरतें। उन्होंने निर्देश दिये कि जानबूझकर अगर कोई वनों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
वीसी में सीसीएफ पीके पात्रो ने कहा कि प्रत्येक रेंज हेतु एक-एक वाहन उपलब्ध करा दिया गया है जिन स्थानों पर फायर वाचरों की कमी है सभी डीएफओ को निर्देश दिये हैं कि फायर वाचरों की तैनाती अपने स्तर से करने के निर्देश दे दिये हैं। वीसी में सीसीएफ ने बताया कि उन्हें पीआरडी एवं होमगार्ड के साथ ही स्थानीय लोगों की आवश्यकता है।
आयुक्त ने कहा कि जिला स्तर से पीआरडी एवं होमगार्ड की तैनाती शीघ्र कर दी जायेगी। जिन क्षेत्रों में आग लगी है आग बुझाने हेतु ग्राम विकास अधिकारी द्वारा स्थानीय लोगों की सीजनली तैनाती की जायेगी। उन्होंने कहा मेन सडक के आसपास आग लगने पर फायर ब्रिगेड की तैनाती भी की जायेगी। आयुक्त ने कहा कि वन क्षेत्र अति संवेदनशील व संवेदनशील हैं, साथ ही आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं, इस संबंध में विस्तार से चर्चा की।
वीसी में डीएफओ टीआर बीजू लाल, डा. विनय कुमार भार्गव के साथ ही सम्बन्धित क्षेत्रों के वनाधिकारी उपस्थित थे।
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नैनीताल : आयुक्त दीपक रावत ने संवेदनशील क्षेत्रों में पैनी नजर रखने के साथ ही वनों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश
