नैनीताल :::/ कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा सेंट्रल हिमालयन एनवायरनमेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड के साथ हिमालयी क्षेत्रों में अनुसंधान, विकास कार्यों और शैक्षणिक सहयोग में परस्पर साझेदारी हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। कुविवि के कुलसचिव दिनेश चन्द्रा और सेंट्रल हिमालयन एनवायरनमेंट एसोसिएशन की महासचिव प्रो.उमा मेलकानिया द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
इस अवसर पर सेंट्रल हिमालयन एनवायरनमेंट एसोसिएशन की महासचिव प्रो.उमा मेलकानिया ने बताया कि चिया उत्तरी भारत में स्थापित सबसे शुरुआती सोसायटी में से एक है, जिसकी मुख्य चिंता ‘पर्यावरण और हिमालय में लोगों की आजीविका’ है। आज चिया, मानव और पर्यावरणीय पहलुओं और कई आजीविका-संबंधित परियोजनाओं व कार्य-अनुसंधानों में सक्रिय रूप से संलग्न है।
इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस रावत ने कहा कि हिमालयी राज्यों में विकास की काफी संभावनाएं हैं। परन्तु अधिकांश संस्थानों के मध्य अनुसंधान व विकास कार्यों के समझौते सिर्फ कागजों तक सीमित रहते हैं, जरूरत है ईमानदारी से काम करते हुए शोध एवं विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों द्वारा अनुसंधान सहयोग के तहत शोधार्थियों को लेकर धरातल पर काम किया जाएगा। शोध कार्यों का संयुक्त प्रकाशन भी किया जाएगा। दोनों संस्थानों द्वारा कुछ गांव गोद लिए जाएंगे। जो गांव गोद लिए जाएंगे, वहां जाकर काम किया जाएगा, ताकि वहां के स्थानीय लोगों और किसानों को लाभ मिल सके।
इस बैठक में संकायाध्यक्ष एग्रीकल्चर प्रो.जीत राम, वित्त नियंत्रक अनीता आर्या, निदेशक शोध एवं प्रसार प्रो.नन्द गोपाल साहू, परीक्षा नियंत्रक डॉ.महेंद्र राणा, प्रो. ललित तिवारी, प्रो.आशीष तिवारी, चिया के कार्यकारी निदेशक कुंदन बिष्ट, मुकुंद कुमइयां, निजी सचिव कुलपति एलडी उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
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