नैनीताल:::- वर्ल्ड सीओपीडी दिवस पर जिला चिकित्सालय बीडी पांडे अस्पताल में उपचार के साथ ही डॉक्टर की ओर से सीओपीडी के विषय में जागरूक किया गया। विश्व सीओपीडी दिवस नवंबर माह के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “अपने फेफड़ों के कार्य को जानें” है। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य फेफड़ों के कार्य को मापने के महत्व को उजागर करना है। सीओपीडी का प्रभाव कान, नाक और गले पर भी पड़ता है।
जिला अस्पताल बीडी पांडे नैनीताल के चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर अभिषेक गुप्ता ने बताया कि सीओपीडी को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज कहते हैं। सीओपीडी के विषय में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य स्मोकिंग इंडेक्स को कम करना है। आजकल युवाओं में भी स्मोकिंग की लत काफी बढ़ती जा रही है साथ ही वायु प्रदूषण और लकड़ी का धुआं भी इस समस्या को बढ़ाने में योगदान देता है। जो की काफी नुकसानदेय है। यह डिजीज चौथे नंबर की डिजीज है जिसके चलते विश्व में सबसे अधिक मृत्यु होती हैं। बताया कि उनके पास प्रतिदिन करीब 80 से 90 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं जिसमें से 30 से 35 मरीज सीओपीडी की समस्या के चलते अस्पताल आते हैं। विश्व सीओपीडी दिवस के अवसर पर उनकी ओर से मरीज को उपचार के साथ ही सीओपीडी की जानकारी भी दी गई।
सीओपीडी में नियमित खांसी, सांस लेते समय कोई सीटी या चरमराहट जैसी आवाज आना, घरघराहट,
सीने में जकड़न, सांस फूलना आदि परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए धूम्रपान न करें, वायु प्रदूषण धूल और रासायनिक धुएं से बचें, नियमित रूप से व्यायाम करें और अधिक समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श कर उपचार कराएं।
