नैनीताल :::- उत्तराखंड के बगड़ क्षेत्र की खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई ‘सड़क’ एक पहाड़ी बाल दृष्टिकोण से रची गई सशक्त और संवेदनशील कहानी है।

कुमाऊँनी भाषा में बनी यह लघु फ़िल्म बच्चों की मासूम नज़रों से गाँव की वास्तविकताओं और जीवन के संघर्षों को सामने लाती है। टूटी सड़कें और बदलते मौसम की चुनौतियों के बीच जब तीन छोटे बच्चे सवाल करने का साहस जुटाते हैं, तो यह कहानी प्रेरणा और जागरूकता दोनों का संदेश देती है।

यह फ़िल्म न सिर्फ़ सड़क निर्माण जैसी स्थानीय समस्याओं पर रोशनी डालती है, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, बोली और सामूहिक चेतना की धड़कन को भी अपने संवादों और दृश्यावली में समेटे हुए है।

‘सड़क’ केवल एक फ़िल्म नहीं, बल्कि एक भावना है, जो बगड़ की मिट्टी से उठकर कुमाऊँ की धरोहर को स्वर देती है।

अब यह फ़िल्म हमारामूवी यूट्यूब चैनल पर देखी जा सकती है।

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