नैनीताल :::- मुख़्य चिकित्साधिकारी डॉ.एचसी पंत ने बताया गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सन् 2013 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) आरंभ किया गया है जो की बाल विकास मंत्रालय और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की आंगनबाड़ी केंद्रों में वर्ष में दो बार और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में वर्ष में एक बार स्वास्थ्य जाँच की गई।
जन्मजात विकृति और बिमारी
–  बच्चों में किसी भी प्रकार की कमी
–  बीमारी
– बच्चों के मानसिक विकास में रुकावटों और दिव्यांगता
की 29 बीमारियों को पहचानने के लिए जनपद के 08 विकासखंडों में 15 सचल दल कार्य कर रहे हैं जिसमें प्रत्येक सचल दल में एक पुरुष चिकित्साधिकारी और एक महिला चिकित्सा अधिकारी,एक फार्मासिस्ट और एक स्टाफ नर्स कार्य करते है जो बच्चों और उनकी माता पिता या अभिभावकों को बीमारियों से ग्रसित बच्चों के बारे में जानकारी देते है और काउंसिलिंग कर उच्च चिकित्सा संस्थानों को उपचार के लिए संदर्भित करते है।

विगत वर्ष 2024 -25 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की 15 सचल दलों द्वारा जनपद के 1367 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में 75255 बच्चों का और 1416 आंगनबाड़ी केंद्रों में 78513 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चार श्रेणियों की 29 बीमारियों में 13540 बच्चे ग्रसित पाए गए जिसमें से  2933 बच्चों को प्राथमिक,सामुदायिक और जिला अस्पताल भेजा गया और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, कटे होंठ और तालू, मुड़े हुए पैर, जन्मजात मोतियाबिंद,जन्मजात हृदय रोग और सुनने की अक्षमता जैसे गंभीर रोगों से ग्रसित 479 बच्चों को डी ई आई सी महिला चिकित्सालय हल्द्वानी भेजा गया गंभीर रोगों से ग्रसित 168 बच्चों को डीई आईसी हल्द्वानी से उच्च चिकित्सा संस्थानों जैसे श्रीराम मूर्ति अस्पताल बरेली,ग्राफिक एरा अस्पताल देहरादून, एम्स ऋषिकेश,श्री सत्यसांई अस्पताल पलवल हरियाणा और डॉक्टर सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी भेजा गया और जिसमे एक न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट,नौ कटे होंठ और तालू,54 मुड़े हुए पैर,एक जन्मजात मोतियाबिंद,सोलह जन्मजात हृदय रोग, सत्रह सुनने की अक्षमता जैसे बीमारियों के 101 बच्चों की चिकित्सा सर्जरी कराई गई जिसके कारण आज उपचार के पश्चात बीमार बच्चे अपना स्वस्थ जीवन जी रहे है और बाकि उपचाराधीन बच्चे समय समय पर अपने उपचार हेतु उच्च चिकित्सा संस्थानों को भेजे जाते है, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ऐसा कार्यक्रम है जो बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता से ऊपर उठाने के लिए कार्य कर रहा है और उन्हें अपनी सम्पूर्ण क्षमता को पाने योग्य बनाने के लिए प्रयासरत है तथा साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करता है। इन रोगों का शीघ्र पता लगाया जा सकें, बीमार बच्चों का प्रबंधन किया जा सकें, 29 बीमारियों से ग्रसित बच्चों को प्रारंभिक स्वास्थ्य सेवाएं जिला स्तर पर प्रदान की जाती है। ये सभी स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाती है जो की परिवार को उपचार पर होने वाले खर्चो को कम करने में सहायता प्रदान करती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कहा गया यद्यपि कार्य विशालकाय है परंतु एक व्यस्थित पहल के अंतर्गत संभव है । इस कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद की समस्त आशाओं और सभी डिलीवरी प्वाइंट पर कार्यरत चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है जिससे कार्यक्रम के तहत सभी जनसमुदाय को लाभ मिले।

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