हल्द्वानी/रामनगर::::- उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड का प्रभावित अस्थायी प्राध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल, उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी में निदेशक से मिला जिसमें नितांत अस्थायी प्राध्यापकों की मुख्य मांग, प्रभावित हुए अस्थायी शिक्षकों का अतिशीघ्र समायोजन और सुरक्षित भविष्य था।
निदेशक से कहा कि जिन विषयों में पद रिक्त हैं उन विषयों पर पूर्व की भांति प्रभावित हुए नितांत अस्थायी प्राध्यापकों को समायोजित और जो पूर्व में समायोजन की व्यवस्था चल रही है उसके अनुसार समायोजन किया जाये ।
निदेशक ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित अस्थायी प्राध्यापक, लगातार प्रभावित हो रहे हैं जिनकी संख्या अब 120 से अधिक हो गयी है को समायोजित करने के लिए उच्च स्तर पर वार्ता चल रही है जैसे ही उच्च स्तर से कुछ निर्देशन प्राप्त होते है सभी को महाविद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे।
विगत 7 से 10 वर्षों के लम्बे समय से विभाग को सेवा देने वाले प्रभावित अस्थायी प्राध्यापक 8-10 महीनों से बाहर है जिससे प्रभावित प्राध्यापको को वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है जिससे वे मानसिक तनाव में है।
अतिथि प्राध्यापकों ने साफ कहा है कि विभाग हमें समायोजित करने हेतु लगातर अश्वाशन दे रहा है, लेकिन कार्यवाही नहीं कर रहा है। यदि जल्द ही समायोजन नहीं होता है तो प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसमें समस्त जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की होगी।
इस दौरान डॉ. ममता, डा. गरिमा डॉ. निशा डॉ. आशा, डॉ. गंगोत्री. डॉ. चेतन, डॉ. चारु, डॉ. सुरजीत, डॉ. उषा, डॉ. नम्रता, डॉ. निशा, डॉ. कमलेश, डॉ. महेन्द्र, डॉ. हेमा, डॉ. विनीता, डॉ. गरिमा, डॉ. मनोज समेत अन्य लोग मौजूद रहें।

