हल्द्वानी :::- जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को हल्द्वानी कैंप कार्यालय सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली, आपदा की दृष्टि से संवेदनशील नदियों नालों के चैनलाजेशन, ड्रैजिंग आदि से संबंधित
कार्यों को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में चर्चा की गई, ताकि आगामी मानसून से पूर्व आपदा न्यूनीकरण संबंधी कार्यों को करवाया जा सके तथा, वन विभाग और भारत सरकार की अनुमति आदि के प्रावधानों के कारण इस प्रकार के कार्यों में जो समय लगता है उसकी प्रक्रिया अभी से शुरु करते हुए समय रहते पूरी करवाई जा सके । उन्होंने बरसात के दौरान भारी बारिश से नदी-नालों में आए मलबे से उत्पन्न खतरे को देखते हुए चेनेलाइजेशन और प्रोटेक्शन कार्य का सर्वे आरंभ कर विस्तृत प्रस्ताव देने की बात कही। उन्होंने कहा कि गौला, नंधौर, रकसिया-कलसिया, देवखड़ी, निहाल आदि नाले वन विभाग के क्षेत्र के भीतर आते हैं। कहा कि आपदा में हुए नुकसान का संबंधित विभाग प्रस्ताव तैयार करें। जिससे रिवर ड्रैजिंग, चेनेलाइजेशन आदि का कार्य जल्द शुरु किया जा सकें।
उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को रकसिया, कलसिया, नंधौर, देवखडी आदि नालों की वास्तविक चौड़ाई का सर्वे और निरीक्षण देने की बात कही जिससे की आगामी
सीजन के लिए पूरी तरह से तैयारी की जा सके और परेशानी का सामना नहीं करने पड़े।
जनपद के नदी नालों के विस्तृत सर्वे के लिए जिला स्तर पर विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई गई है जिसमें एसडीएम संयोजक है तथा भू-वैज्ञानिक, खनन, वन विभाग और राजस्व, सिंचाई और पीडब्ल्यूडी की टीम के सदस्य संयुक्त रूप से आपदा में हुए नुकसान का सर्वे और आगामी आपदा से बचाव का प्रस्ताव तैयार करेंगे।
उक्त प्रस्ताव वन क्षेत्रों में अनुमति के लिए भारत सरकार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की और से भेजे जाएंगे तथा राजस्व क्षेत्रों में रिवर ड्रेजिंग नीति के तहत टेक अप किए जाएंगे ।
बैठक में डीएफओ रामनगर दिगंत नायक, चंद्रशेखर जोशी, कुंदन शाह, अपर जिलाधिकारी पी आर चौहान, एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।